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खेती से कमाई पर लग सकता है टैक्स, खत्म हो सकती है इनकम टैक्स छूट

Published: Feb 27, 2016 11:29:00 pm

महंगाई, रोजगार और टैक्स जैसे बड़े मुद्दे भी सरकार के सामने हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि वित्त मंत्री बजट में कितने बड़े फैसले लेंगे।

farmer agriculture tax

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नई दिल्ली। इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, ग्रोथ की रफ्तार सुस्त हो रही है। इसकी एक बड़ी वजह है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की हालत खराब स्थिति में है। सरकार निवेश बढ़ाती है तो फिस्कल डेफिसिट बढऩे का खतरा होगा। वहीं ग्रोथ के लिए बड़ा पैसा चाहिए। महंगाई, रोजगार और टैक्स जैसे बड़े मुद्दे भी सरकार के सामने हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि वित्त मंत्री बजट में कितने बड़े फैसले लेंगे।

इकोनॉमिक सर्वे में अगले वित्तीय वर्ष के लिए अच्छी तस्वीर पेश की है। सर्वे में अगले साल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से लेकर 7.75 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है। वहीं वित्त वर्ष 2016 में जीडीपी ग्रोथ 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि अगले कुछ साल में 8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है। इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक 7वें वेतन आयोग के कारण महंगाई बढऩे के आसार कम हैं।

इकोनॉमिक सर्वे में महंगाई 4.5 फीसदी से लेकर 5 फीसदी के बीच रहने की बात कही गई है। वहीं वित्त वर्ष 2017 में करेंट अकाउंट घाटा, जीडीपी का 1-1.5 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2016 में 3.9 फीसदी के वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2017 में वित्तीय घाटे की स्थिति चुनौती भरी रहेगी।

इकोनॉमिक सर्वे में कई बोल्ड सुझाव भी दिए गए हैं। इनमें इनकम टैक्स छूट खत्म करने और खेती से कमाई पर टैक्स लगाने के सुझाव हैं। कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी जल्द से जल्द किए जाने का सुझाव है। प्रॉपर्टी पर टैक्स बढ़ाने के सुझाव दिए गए हैं। सरकार ने बैंकों में 70000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया है, लेकिन वित्त वर्ष 2019 तक बैंकों को 1.8 लाख करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत पड़ेगी।

आर्थिक सर्वेक्षण से ये संकेत भी मिल रहे हैं कि बजट में अमीरों को मिलने वाली सब्सिडी हटाने संबंधी फैसले हो सकते हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार की कई ऐसी नीतियां हैं, जिससे गरीबों के साथ-साथ अमीरों को भी बड़ा फायदा होता है। ज्यादातर मामलों में ये फायदे सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी का रूप ले लेते हैं, जो एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की होती है।

सर्वेक्षण के मुताबिक वित्तीय अनुशासन के नजरिये से इसमें सुधार लाने की बड़ी जरूरत है। सर्वेक्षण में सात चीजों का जिक्र किया गया है, जिसके फायदे गरीबों से ज्यादा अमीर उठा रहे हैं। सब्सिडी का सबसे ज्यादा दुरुपयोग एलपीजी में हो रहा है, जहां सरकारी खजाने पर चालीस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बोझ पड़ रहा है। इसी तरह बिजली पर सैंतीस हजार करोड़, पीपीएफ पर करीब 12000 करोड़, केरोसिन पर 5500 करोड़, सोने पर 4000 करोड़, रेल भाड़े पर 3600 करोड़ और एटीएफ यानी एविएशन टरबाइन फ्यूल पर 750 करोड़ रुपये की सब्सिडी का फायदा अमीरों को हो रहा है।

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