मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक यजीदी किशोरी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा है कि इराक के मोसुल शहर में वह सिद्धार्थ के चंगुल में ही थी। यजीदी किशोरी ने बताया कि उसका दो साल पहले इराक के सिंजर से अपहरण किया गया था। उस वक्त वह महज 16 साल की थी। आईएस ने उसके परिवार के 27 अन्य सदस्यों का भी अपहरण किया था।उसने बताया कि उसे कई बार पीटा गया, उसके साथ रेप हुआ और एक सीरियाई के साथ शादी करने का दबाव डाला गया। इस दौरान वह प्रेग्रेंट भी हो गई।
सिद्धार्थ को आतंकी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेेने के लिए मुहम्मद एमवाजी की जगह दी गई है। मुहम्मद एमवाजी को ही जिहादी जॉन के नाम से जाना जाता है। एमवाजी की मौत के बाद सिद्धार्थ को उसकी जगह सौंपी गई है। उसे भी विदेशी नागरिकों के सिर कलम करने का जिम्मा सौंपा गया।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में रहने वाले हिंदू सिद्धार्थ धर ने इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया था। इसके बाद उसने अपना नया नाम अबू रुमायश रखा और आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। इसके बारे में उसके घर वाले तक नहीं जान पाए थे। उसने शादी की और फिर 2014 में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आइएस में शामिल होने के लिए सीरिया चला गया।