scriptआर्कटिक की बर्फ को पिघलने से रोकेंगी ‘सिलिका बॉल्स’ | 'Silica balls' will prevent Arctic ice from melting | Patrika News

आर्कटिक की बर्फ को पिघलने से रोकेंगी ‘सिलिका बॉल्स’

Published: Nov 17, 2019 08:53:26 pm

Submitted by:

pushpesh

समुद्र की सतह को ढंकने वाली हर बॉल्स का व्यास 35 माइक्रोमीटर होगा। यह आकार इन बॉल्स को समुद्री जीवों के नुकसान से भी बचाएगा। प्रॉजेक्ट से पहले इनका छोटी मछली और पक्षियों पर प्रयोग किया जा चुका है। इससे कोई नुकसान नहीं है। (silica beads in arctic)

आर्कटिक की बर्फ को पिघलने से रोकेंगी ‘सिलिका बॉल्स’

आर्कटिक की बर्फ को पिघलने से रोकेंगी ‘सिलिका बॉल्स’

जयपुर.

सुनने में थोड़ा असहज लगता है, लेकिन स्टैनफोर्ड और नासा के वैज्ञानिक सिलिका के मनकों (बॉल्स) से आर्कटिक की बर्फ बचाने का फॉर्मूला लेकर आए हैं। आइस-911 नाम का यह समूह 2006 से इस पर काम कर रहा है। 2013 से 2018 तक वैज्ञानिकों ने तालाब के आकार (15 हजार वर्ग मीटर) क्षेत्र पर इसका परीक्षण किया, जो सफल रहा। अब वे आर्कटिक के ब्यूफोर्ट गायर में 15 हजार से एक लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बर्फ को पिघलने से रोकेंगे। खास बात ये है कि इसका खर्च भी अन्य उपायों से दसवां हिस्सा ही है, फिर भी अरबों रुपए खर्च होंगे। सिलिका बॉल्स सिलिकॉन डाइऑक्साइड से बनाई जाएंगी। सिलिकॉन, पृथ्वी पर 95 फीसदी चट्टानों का मुख्य घटक है और वर्तमान में यह 2.8 खरब मिलियन टन मौजूद है।
ऐसे बचाएंगी बर्फ
सिलिका के खोखले गोले आर्कटिक के निर्धारित स्थानों पर फैलाए जाएंगे। ये सिलिका बीड्स (मनके) पानी पर तैरेंगे और बर्फ के संपर्क में आते ही एक-दूसरे के साथ चिपक जाएंगे। ताजा और कम परावर्तक बर्फ को अधिक परावर्तक बनाती है, जिससे एल्बेडो (प्रकाश का वह हिस्सा, जिसे परावर्त कर वायुमंडल में लौटा दिया जाता है) बढऩे के कारण बर्फ गर्मी को कम अवशोषित कर पाएगी। इससे बर्फ के पिघलने की गति भी कम होगी, साथ ही नई बर्फ भी बढ़ेगी।
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