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Corruption: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने दबाव में दिया इस्‍तीफा, पार्टी ने दी थी चेतावनी

दक्षिण अफ्रीका के राष्‍ट्रपति 75 वर्षीय जैकब जुमा ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। पार्टी ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने की चेतावनी दी थी।

Feb 15, 2018 / 09:32 am

Dhirendra

Jacob zuma
नई दिल्‍ली. दक्षिण अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) की तरफ से पद छोड़ने का दबाव बढ़ने के बाद राष्‍ट्रपति जैकब जुमा ने अपने पद इस्तीफा दे दिया है। इस बात की घोषणा उन्‍होंने बुधवार देर शाम टेलिविजन पर देश के नाम अपने संबोधन में किया। इसके पहले एएनसी ने उन पर पद छोड़ने का दबाव बनाने के लिए आज संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी थी। पिछले कुछ दिनों से उन पर पद छोड़ने का लगातार दबाव बढ़ता जा रहा था। उन्‍होंने उपराष्ट्रपति सिरिल रामापोसा के लिए पद खाली करने को कहा जा रहा था। 2009 से सत्ता में रहे ज़ुमा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं।
एएनसी का रुख गलत
अपने इस्तीफे का ऐलान करने से पहले उन्‍होंने राष्ट्र के नाम दिए गए अपने 30 मिनट के संबोधन में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के रवैये से असहमति जताई। उन्‍होंने कहा कि दिसंबर में हुए चुनावों में सिरिल रमफोसा के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद से उन्‍हें राष्‍ट्रपति पद से हटाने का षडयंत्र चल रहा था। पार्टी ने उन्‍हें गलत तरीके से हटाया है। जिस तरह से एएनसी ने उनके साथ व्‍यवहार किया है वो ठीक नहीं है। उन्‍होंने पार्टी की तरफ से अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने की चेतावनी के बाबत कहा कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का कोई भय नहीं है। वह इस्‍तीफ केवल पार्टी के हिता का ध्‍यान रखते हुए दे रहे हैं। जुमा ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लोगों की ईमानदारी के साथ सेवा की है। पद छोड़ने का फैसला हिंसा और एएनसी में विभाजन की वजह से लिया है। राष्ट्रपति जुमा ने टीवी संबोधन में कहा कि उन्‍हें पार्टी ने इस्तीफा देने का कोई कारण नहीं बताया है। यह मुद्दा उठाया जाना उचित नहीं है। कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है कि उनकी गलती क्‍या है।
अभी तक गुप्ता परिवार के सदस्‍य की नहीं हुई गिरफ्तारी
राष्ट्रपति जैकब जुमा से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में दक्षिण अफ्रीकी पुलिस ने बुधवार को उनके नजदीकी गुप्ता परिवार के भव्य आवास परिसर में छापा मारा। गुप्ता परिवार के आलीशान आवास पर छापामारी के बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। गुप्ता परिवार के चार भाइयों के आवास पर छापे में पुलिस ने कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। लेकिन गिरफ्तार लोगों में गुप्ता बंधुओं में से कोई नहीं था। गुप्ता परिवार के वकील ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मीडिया ने गलत सूचना दी है। वह नहीं बता सकते कि किसे गिरफ्तार किया गया है। आपको बता दूं कि भारतीय मूल के इस परिवार पर जुमा के साथ मिलकर आर्थिक अनियमितता का आरोप है।
छापेमारी जांच का हिस्‍सा
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाली पुलिस की खास इकाई हॉक्स के प्रवक्ता हंगवानी मुलौजी ने कहा है कि छापेमारी की कार्रवाई जांच का हिस्सा थी। जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने बताया है कि देश के संसाधनों का अवैध ढंग के कब्जा करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।
गुप्‍ता परिवार ने दक्षिण अफ्रीका में बनाई अपनी हैसियत
1993 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से दक्षिण अफ्रीका गए अतुल गुप्ता, अजय गुप्ता, राजेश गुप्ता और वरुण गुप्ता कुछ ही वर्षो में वहां के कारोबार जगत में इस तरह छा गए कि सत्ता के शीर्ष तक उनकी तूती बोलने लगी। 2003 में उनके संबंध तत्कालीन उप राष्ट्रपति जैकब जुमा से बने तो वे बढ़ते चले गए। यहां तक कि जुमा के बेटे और बेटी गुप्ता बंधुओं की कंपनियों में बतौर निदेशक भी नियुक्त हुए। 2009 में हुए आम चुनाव में गुप्ता बंधुओं ने जुमा का भरपूर साथ दिया। जुमा राष्ट्रपति बने तो उसका लाभ भी परिवार को मिला। इसका बाद परिवार का रुतबा बढ़ता गया। खनन, अचल संपत्ति, कंप्यूटर, मीडिया आदि के कारोबार में परिवार का दखल बढ़ता गया। मौजूदा समय में परिवार की संपत्ति पांच हजार करोड़ से ज्यादा की मानी जाती है। विवाद तब पैदा हुआ जब सन 2013 में गुप्‍ता बंधुओं के भारतीय रिश्तेदारों को लेकर गया चार्टर्ड प्लेन दक्षिण अफ्रीका के वायुसेना अड्डे पर उतरा।

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