बोस्टन यूनिवर्सिटी के टी. विलियम्स का मानना है कि बैंकिंग क्षेत्र की गोपनीयता भंग होने के बाद स्विस बैंक अपने अंतिम छोर पर हंै। बैंक प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएंगे और व्यापार भी चौपट होगा। ऐसा लगता है कि दस साल बाद क्या होगा? इसको लेकर कुछ नहीं कह सकते हैं पर स्विट्जरलैंड संपत्ति प्रबंधन में और मजबूत होगा लेकिन टैक्स से बचाव का ‘स्वर्ग’ का तमगा उससे छिन जाएगा। अमरीका, फ्रांस, जर्मनी और इटली के दबाव में कुछ स्विस वित्तीय संस्थानों ने 2015 से अमरीका को बैंक खाते संबंधी जानकारी साझा करना शुरू कर दिया था। कनाडा, जापान और यूरोपियन संघ के 28 सदस्यों को भी जानकारी देता है।
डिलॉयट और बॉस्टन कंस्लिटिंग ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार स्विट्जरलैंड आज भी पैसा छिपाने का गढ़ है और अब भी उसके पास तीन लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति है। भविष्य में इसकी संख्या तिगुनी हो सकती है। स्विट्जरलैंड जब दुनियाभर के लोगों के बैंक खाते संबंधी जानकारी विदेशी टैक्स एजेंसियों को देता है तो उसकी इस नीति पर सोचना कठिन होता है। ये उस विश्वास का गला घोटने के बराबर है जब कोई अपना पैसा गोपनीयता के भरोसे पर ज्यूरिख और जिनेवा में रखता है।
(वाशिंगटन पोस्ट से विशेष अनुबंध के तहत)