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टैक्स चोरी छिपाने का स्वर्ग नहीं रहेंगे स्विस बैंक

डिलॉयट और बॉस्टन कंस्लिटिंग ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार स्विट्जरलैंड आज भी पैसा छिपाने का गढ़ है और अब भी उसके पास तीन लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति है। भविष्य में इसकी संख्या तिगुनी हो सकती है। स्विट्जरलैंड जब दुनियाभर के लोगों के बैंक खाते संबंधी जानकारी विदेशी टैक्स एजेंसियों को देता है तो उसकी इस नीति पर सोचना कठिन होता है। ये उस विश्वास का गला घोटने के बराबर है जब कोई अपना पैसा गोपनीयता के भरोसे पर ज्यूरिख और जिनेवा में रखता है।

Nov 15, 2018 / 02:39 pm

manish singh

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टैक्स चोरी छिपाने का स्वर्ग नहीं रहेंगे स्विस बैंक

यूरोपीय देशों को खाते संबंधी सूचना लीक करने का खुलासा तब हुआ था जब यूबीएस (स्विस मल्टीनेशनल इन्वेस्टमेंट बैंक एंड फाइनेंशियल सर्विसेस कंपनी) बैंकर ग्रुप के बैंकर ब्रैडली ब्रिंकफिल्ड की 2008 में गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद स्विस बैंक को 600 करोड़ रुपए का हर्जाना भरना पड़ा। बैंक कर्मचारियों की विदेश यात्रा पर रोक लग गई और पूरे मामले की आपराधिक जांच शुरू हो गई। अमरीका की ऐसे 80 से अधिक संस्थाओं पर नजर है जिसमें यूबीएस भी शामिल है। बैंकों ने अब अवांछित संपत्तियां लेना बंद कर दिया है। यूबीएस के सीईओ सेरिगो एरमोटी ने सूचनाओं के लीक होने की घटना को इकोनॉमिक वॉर बताया है। उन्होंने कहा कि अब दुनिया के धनकुबेरों को अपना धन जमा करने के लिए कोई जगह नहीं बची है, हालांकि इससे अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा जैसा कि 2012 में इकोनॉमिक इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ने आशंका जताई थी।

बोस्टन यूनिवर्सिटी के टी. विलियम्स का मानना है कि बैंकिंग क्षेत्र की गोपनीयता भंग होने के बाद स्विस बैंक अपने अंतिम छोर पर हंै। बैंक प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएंगे और व्यापार भी चौपट होगा। ऐसा लगता है कि दस साल बाद क्या होगा? इसको लेकर कुछ नहीं कह सकते हैं पर स्विट्जरलैंड संपत्ति प्रबंधन में और मजबूत होगा लेकिन टैक्स से बचाव का ‘स्वर्ग’ का तमगा उससे छिन जाएगा। अमरीका, फ्रांस, जर्मनी और इटली के दबाव में कुछ स्विस वित्तीय संस्थानों ने 2015 से अमरीका को बैंक खाते संबंधी जानकारी साझा करना शुरू कर दिया था। कनाडा, जापान और यूरोपियन संघ के 28 सदस्यों को भी जानकारी देता है।

डिलॉयट और बॉस्टन कंस्लिटिंग ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार स्विट्जरलैंड आज भी पैसा छिपाने का गढ़ है और अब भी उसके पास तीन लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति है। भविष्य में इसकी संख्या तिगुनी हो सकती है। स्विट्जरलैंड जब दुनियाभर के लोगों के बैंक खाते संबंधी जानकारी विदेशी टैक्स एजेंसियों को देता है तो उसकी इस नीति पर सोचना कठिन होता है। ये उस विश्वास का गला घोटने के बराबर है जब कोई अपना पैसा गोपनीयता के भरोसे पर ज्यूरिख और जिनेवा में रखता है।

(वाशिंगटन पोस्ट से विशेष अनुबंध के तहत)

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