
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध। ( फोटो: X Handle/ Jacob in Cambodia 🇺🇸)
Thailand Cambodia Border Conflict: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक बार फिर सीमा पर खुली जंग (Thailand Cambodia Conflict) छिड़ गई है। दिसंबर 2025 में दोनों देशों की सेनाएं फिर आमने-सामने (Cambodia Border Clash) हैं। भारी गोलीबारी, हवाई हमले और ज़मीनी झड़पें हो रही हैं। यह वही पुराना विवाद है, जो सदियों से चला आ रहा है – मुख्य रूप से 900 साल पुराने हिंदू-ख्मेर मंदिर “प्रिया विहार” (Preah Vihear Dispute) और उसके आसपास के इलाके को लेकर विवाद है।
थाईलैंड और कंबोडिया कभी दो बड़े प्रतिद्वंद्वी साम्राज्य थे – अयुत्थया और अंगकोर। आज भी दोनों देश्ख एक-दूसरे की संस्कृति, खान पान, नृत्य और यहां तक कि मुक्केबाजी स्टाइल पर दावा करते हैं। आम लोग भी सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को गरियाते रहते हैं। यह दुश्मनी सिर्फ सीमा की नहीं, दिलों में बसी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने 1962 में प्रिया विहार मंदिर कंबोडिया का बताया था। थाईलैंड ने यह फैसला कभी दिल से स्वीकार नहीं किया। सन 2013 में भी कोर्ट ने फिर वही फैसला दोहराया। इसके बाद 2008 और 2011 में बड़े सैन्य टकराव हुए थे। अब फिर वही इतिहास दोहराया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दोनों देशों में पहले भी भयंकर लड़ाई हुई थी। तब दर्जनों लोग मारे गए थे। ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीच-बचाव किया। उन्होंने दोनों देशों को अमेरिकी बाज़ार में मिलने वाले व्यापार लाभ रोकने की धमकी दी। मलेशिया की मदद से जुलाई-अगस्त में युद्धविराम हुआ और अक्टूबर में विस्तृत समझौता हुआ।
भारी हथियार पीछे हटाओ।
बारूदी सुरंगें हटाओ।
एक-दूसरे के खिलाफ झूठी खबरें न फैलाना बंद करो।
विश्वास बढ़ाने के कदम उठाओ।
ये सारी शर्तें कागज़ पर ही रह गईं। कोई भी देश पूरी तरह पीछे नहीं हटा।
अब फिर युद्ध क्यों भड़का?
दोनों तरफ के अपने-अपने बहाने हैं।
कंबोडिया ने हमारे 18 सैनिकों को अब तक रिहा नहीं किया और कंबोडिया नई बारूदी सुरंगें बिछा रहा है। कंबोडिया का कहना है – सुरंगें पुराने गृहयुद्ध की हैं, और थाईलैंड खुद समझौते तोड़ रहा है।
सोमवार (दिसंबर 2025) से कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सबसे भयंकर लड़ाई शुरू हुई। थाई वायुसेना ने हवाई हमले किए। ज़मीन पर भी भारी गोलीबारी हो रही है। यह बात साफ नहीं है कि पहली गोली किसने चलाई,लेकिन दोनों एक-दूसरे पर इल्ज़ाम लगा रहे हैं।
थाईलैंड अमेरिका का सबसे पुराना सहयोगी है, लेकिन हाल के बरसों में कंबोडिया ने ट्रंप का खुल कर समर्थन किया था (यहां तक कि नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन तक का समर्थन किया)। अब अमेरिका कंबोडिया को चीन से दूर लाने के लिए उसके साथ व्यापार समझौते तेज़ कर रहा है। इससे थाईलैंड में नाराज़गी है।
कंबोडिया और थाईलैंड दोनों देशों में अभी दिसंबर-जनवरी का पीक सीज़न चल रहा है। बैंकॉक,पटाया,फुकेत और कंबोडिया के अंगकोर वाट व सिहानूकविले में पर्यटक आते हैं। अब बुकिंग रद्द हो रही हैं। कई होटल खाली हैं। कोरोना के बाद दोनों देश अभी-अभी संभले ही थे कि फिर नया संकट आ गया।
फिलहाल दोनों तरफ राष्ट्रवादी जोश चरम पर है। सोशल मीडिया पर युद्ध के वीडियो वायरल हो रहे हैं। आसियान (ASEAN) चुप है। अमेरिका मौन है। चीन कंबोडिया के साथ खड़ा हुआ दिख रहा है। अगर जल्द ही कोई बड़ा देश या संगठन बीच में नहीं आया तो यह छोटी सीमा झड़प पूरे क्षेत्र में बड़ा युद्ध बन सकती है।
Updated on:
09 Dec 2025 03:09 pm
Published on:
09 Dec 2025 03:08 pm
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