scriptपुतिन को शांति का पाठ पढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से फ्रांस के राष्ट्रपति ने की PM मोदी की तारीफ, व्हाइट हाउस ने भी फिर से सराहा | The President of France praised PM Modi for teaching Peace to Putin | Patrika News

पुतिन को शांति का पाठ पढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से फ्रांस के राष्ट्रपति ने की PM मोदी की तारीफ, व्हाइट हाउस ने भी फिर से सराहा

locationजयपुरPublished: Sep 21, 2022 08:32:27 am

Submitted by:

Swatantra Jain

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है और विश्व नेताओं से कहा कि जब उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया कि ये युग युद्ध का नहीं है, तो वह सही थे।

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हाल में संपन्न हुए शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को द्विपक्षीय वार्ता के दौरान शांति का पाठ पढ़ाया था। यूक्रेन और रूस के युद्ध के दौरान की गई पीएम मोदी की इस पहल के लिए अब दुनियाभर में उनकी तारीफ हो रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तो संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए उनकी सराहना की है। मैक्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने सही कहा है कि आज का समय युद्ध का नहीं है। आपको बता दें कि इससे पहले समय अमरीका ने भी पीएम मोदी के बयान का समर्थन किया था और वहां की मीडिया ने जमकर तारीफ की थी और एक बार फिर व्हाइट हाउस ने औपचारिक बयान जारी कर पीएम मोदी के इस कथन की तारीफ की है।
पश्चिमी देशों के खिलाफ बदला लेने का समय नहीं

मैक्रों ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा है कि आज का समय युद्ध का नहीं है। यह समय पश्चिमी देशों के खिलाफ बदला लेने के लिए या फिर पूर्व के खिलाफ पश्चिम का विरोध करने के लिए नहीं है। यह समय हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए है।”
पीएम ने कहा था, शांति के पथ पर चलने की जरूरत

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा था, “आज का समय युग युद्ध का नहीं है। मैंने आपसे फोन कॉल पर भी इसके बारे में बात की है। आज हमें इस बारे में बात करना चाहिए कि हम शांति के पथ पर कैसे विकास कर सकते हैं। भारत और रूस कई दशकों से एक-दूसरे के साथ रहे हैं।”
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आज विकास के मुद्दों पर बात करने का समय

मैक्रों यहीं नहीं रुके। मैकों ने आगे कहा कि “यही कारण है कि आज उत्तर और दक्षिण के बीच एक नया अनुबंध विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है, एक प्रभावी अनुबंध जो भोजन के लिए, जैव विविधता के लिए, शिक्षा के लिए सम्मानजनक पहल करता हो। हमारा समय खेमेबाजी की सोच के लिए नहीं है, बल्कि वैध दावों और सामान्य हितों को समेटते हुए एक सामान्य मोर्चा गठित करने के लिए है।
पीएम मोदी ने द्विपक्षीय चर्चा के दौरान कही थी ये बात

प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह बात कही थी। उन्होंने कहा था, “हमने भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न मुद्दों के बारे में फोन पर कई बार बात की है। हमें खाद्य, ईंधन सुरक्षा और उर्वरक की समस्याओं के समाधान के तरीके खोजने चाहिए। मैं यूक्रेन से हमारे छात्रों को निकालने में हमारी मदद करने के लिए रूस और यूक्रेन को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
पीएम मोदी को जवाब देते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति के बारे में जानते हैं, लेकिन यूक्रेन बात करने के लिए तैयार नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो।
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व्हाइट हाउस ने भी की फिर से तारीफ

वहीं पीएम मोदी के वक्तव्य की तारीफ करते हुए व्हाइट ने भी मंगलवार 21 सितंबर को बयान जारी करते हुए कहा है कि , उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर अपनी बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश ”सिद्धांत का एक वक्तव्य है” जो वह मानते हैं कि “सही और न्यायसंगत” है और “अमरीका द्वारा” इसका “इसका बहुत स्वागत किया गया” है।
बता दें इसके पहले अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंक्न भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस वक्तव्य के लिए तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि “भारत की ओर से जो सुन रहे हैं वह दुनिया की चिंताओं के बारे में दर्शाता है। मुझे लगता है कि उज्बेकिस्तान में भारत और चीन के नेताओं ने जो संदेश दिए हैं उसके साफ संकेत है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जो कुछ भी कर रहे हैं, उसके कारण वो अलग-थलग पड़ चुके हैं।”
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