इसके बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को उन्हें वाइट हाउस में एक अहम जिम्मेदारी सौंप दी। ट्रंप ने कुशनर को अपना वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया है और उन्हें एक खास जिम्मेदारी दी है। ट्रंप द्वारा चुनाव अभियान के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए नौकरशाही को जिम्मेदार बनाने और इसके कायापलट की जिम्मेदारी कुशनर को दी गई है। कुशनर इस बात का ध्यान रखेंगे कि ट्रंप के चुनावी वायदों पर जल्द से जल्द अमल किया जाए।
कुशनर ने हार्वर्ड और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। वह रियल एस्टेट के साथ जुड़े रहे हैं। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वह कारोबार और व्यवसाय के क्षेत्र से नए विचार लेकर आएंगे और प्रशासन को इसका फायदा पहुंचाने की कोशिश करेंगे। वाइट हाउस प्रशासन को उम्मीद है कि माइक्रोसॉफ्ट और ऐपल जैसी कंपनियों से उन्हें अच्छा फीडबैक मिलेगा। इससे पहले दिए गए अपने इंटरव्यू में कुशनर ने संकेत दिया था कि सरकार किसी बड़ी और महान अमेरिकी कंपनी की तरह चलनी चाहिए। उन्होंने नागरिकों की तुलना ग्राहकों और उपभोक्ताओं से की थी। इस तुलना के कारण उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। कुशनर के आलोचकों का मानना है कि सफल कारोबारी के तौर पर उनकी पहचान को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। आलोचकों का कहना है कि उन्होंने कभी अपने वित्तीय लेनदेनों और मुनाफों को खुलकर सामने नहीं रखा, ऐसे में उनकी कामयाब व्यवसायी के तौर पर उनकी प्रतिष्ठा काफी संदिग्ध है।
कुशनर के नेतृत्व में गठित इस नए पावर सेंटर को संभावित तौर पर वाइट हाउस ऑफिस ऑफ अमेरिकन इनोवेशन के नाम से जाना जाएगा। यह सीधे राष्ट्रपति ट्रंप को रिपोर्ट करेगा। इसमें कई विशेषज्ञ सलाहकार होंगे और व्यावसायिक घरानों में काम कर चुके एग्जिक्युटिव्स भी इस टीम में होंगे। इसका मकसद रोजमर्रा की राजनैतिक उठा-पटक से ऊपर उठकर ट्रंप के लिए एक कभी खत्म न होने वाली महान विरासत बनाना है। वॉशिंगटन पोस्ट अखबार से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, राजनैतिक विचारधारा में मतभेदों के बावजूद सभी अमेरिकी नागरिक यह समझ सकें कि राजनैतिक अकर्मण्यता के कारण प्रशासन के ठीक से काम करने की काबिलियत प्रभावित हुई है। मैंने अमेरिकी जनता से वादा किया था कि मैं नतीजे लाकर दिखाऊंगा।