दूसरे चरण के मतदान से पहले जारी एक पोल के मुताबिक, तुर्किए की 51% जनता चाहती है कि रेचेप तैय्यप अर्दोआन एक बार फिर देश के राष्ट्रपति बनें। वहीं 49% लोग चाहते हैं कि कमाल केलिकदारोग्लू को मौका मिलना चाहिए। फरवरी में आए विनाशकारी भूकंप के बाद जनता को सरकार से बहुत राहत नहीं मिली। खुद अर्दोआन ने माना कि राहत कार्य धीमा रहा। ऐसे में रेचेप तैय्यप अर्दोआन भी मानते हैं कि इस बार की राह आसान नहीं है।
पिछली बार जब तुर्की में भूकंप आया था तब उसके बाद तत्कालीन सरकार अगला चुनाव हार गई थी और रेचेप तैय्यप अर्दोआन के पार्टी की जीत हुई थी। ऐसे में इस बार भी इतिहास दोहरा सकता है। बता दें कि तुर्किए में आए भूकंप के कारण 50,000 लोग मारे गए, 30 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है।
भूकंप के बाद जनता महंगाई से त्रस्त है। लोग बुनियादी जरूरतों के लिए भी तरस रहे हैं। ऐसे में इसका खामियाजा अर्दोआन को भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा तुर्किए की राष्ट्रीय मुद्रा लीरा में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। विपक्ष का आरोप है कि तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, यही वजह है कि लीरा लगातार कमजोर होता चला गया।