पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार गोलीबारी की यह वारदात पेशावर के बाड़ा ताल बाजार में हुई। मरने वालों की पहचान 42 वर्षीय कुलजीत सिंह और 38 वर्षीय रणजीत सिंह के रूप में की गई है। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें सिख समुदाय के एक शख्स की लाश दुकान में पड़ी है। उसके लाश के पास से खून बह रहा है। इस घटना के सामने आते ही पंजाब में रह रहे अल्पसंख्यकों में दहशत बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री बोले- घटना दुखद, बख्शे नहीं जाएंगे कातिल- दूसरी ओर घटना की पुष्टि करते हुए खैबर पख्तूनवाह प्रांत के मुख्यमंत्री महमूद खान ने कहा कि यह घटना दुखद है, हत्यारों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस को तलब किया गया है। मामले की छानबीन चल रही है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने कुलजीत और रणजीत के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना को लेकर दोनों के परिवार में कोहराम मचा है।
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पेशावर में इससे पहले कब-कब सिखों पर हुए हमले- उल्लेखनीय हो कि पाकिस्तान के पेशावर में अभी करीब 15 हजार सिख रहते हैं। इसमें ज्यादातर लोग कारोबारी है। ये पेशावर के अलग-अलग बाजारों में दुकान चलाकर अपना भरण-पोषण करते हैं। बताते चले कि इससे पहले 2018 में सिख समुदाय के प्रमुख व्यक्ति चरणजीत सिंह की हत्या पेशावर में कर दी गई थी। 2020 में न्यूज एंकर रविंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी। 2016 में तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेशनल एसेंबली मेंबर सोरन सिंह की पेशावर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 2017 की जनगणना के अनुसार सिख पंजाब में अल्पसंख्यक है।