यूएई ने गुरुवार को अपने इस 100 साल की राष्ट्रीय परियोजना की घोषणी की है। इस परियोजना की घोषणा करते हुए शेख मुहम्मद बिन राशिद ने कहा कि लोग लंबे समय से सोच रहे है कि कैसे दूसरे ग्रहों पर उतरा जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा इरादा है कि देश इस सपने को हकीकत बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास का नेतृत्व करे।
तो वहीं इस परियोजना का ऐलान शिखर सम्मेलन से अगल 138 सरकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई। गौरतलब है कि इस समिट में 138 देशों के साथ ही छह बड़े अंतरराष्ट्रीय संगठनों और कई प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया था।
यूएई मंगल पर शहर बसाने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में महारत रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों और वैज्ञानिक संस्थानों से सहयोग लेगा। साथ ही इसके लिए देश के विश्वविद्यालयों में अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में विशेषज्ञों को तैयार किया जाएगा। जो मंगल पर इससे जुड़ी चीजों को ले जाने की सुविधा को विकसीत करने पर शोध करेंगे।
गौरतलब है भारत ने अपने मार्स मिशन के तहत मंगल ग्रह पर मंगलयान भेजा था, जो कि धरती से लगभग 20 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और ठीक -ठाक काम कर रहा है। तो वहीं साल 2015 में यूएई ने अपने मार्स प्रोब मिशन का एलान किया था। जिसके बाद वह अरब जगत का पहला अंतरिक्षयान लाल ग्रह पर भेजेगा।