व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ‘भारत रूस से कुल तेल आयात का केवल 1-2 फीसदी तेल ही आयात करता है। साकी ने कहा कि ये भारत सहित प्रत्येक देश का व्यक्तिगत निर्णय है कि वो रूस से तेल आयात करना चाहते हैं या नहीं जो उनके कुल आयात का केवल 1-2 फीसदी है। उनका लगभग 10 प्रतिशत आयात संयुक्त राज्य अमेरिका से होता है।’
भारत अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार
ये बात प्रेस सचिव जेन साकी ने दलीप सिंह के भारत दौरे से जुड़े सवाल पर कही। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका उन देशों पर भी बैन लगाने की चेतावनी दे रहा है जो रूस से तेल आयात कर रहे हैं। इसपर उन्होंने ये भी कहा कि’ मैं इसे चेतावनी के रूप में नहीं देखती हूँ और न ही हमारा उस समय ऐसा कोई मतलब है।’ साकी ने कहा कि “राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि भारत के साथ हमारी साझेदारी दुनिया में हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है।”
वास्तव में भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अपने अधिकार क बचाव किया है। इसके साथ ही इसपर भइओ प्रकाश डाला है कि कैसे यूरोप यूक्रेन में जारी जंग के बावजूद रूस से अधिक मात्रा में पेट्रोलियम उत्पाद खरीद रहा है।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि यूक्रेन में जारी जंग के बावजूद यूरोपीय देश रूस से तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदार बने हुए हैं। उन्होंने छूट पर रूसी तेल खरीदने के लिए भारत के खिलाफ एक “अभियान” की भी आलोचना की थी। इसके साथ ही अमेरिका को आईना दिखाया था कि भारत के खिलाफ कुछ कहने से पूर्व यूरोप पर भी नजर डाल लेना चाहिए!
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