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अमेरिका का यू-टर्न, रूस से तेल खरीदने पर भारत को धमकी देने से किया इनकार

Published: Apr 09, 2022 09:29:30 pm

Submitted by:

Mahima Pandey

रूस से भारत तेल खरीद सकता है और ये उसका व्यक्तिगत निर्णय है , ये बातें अमेरिका ने कही हैं। इसके साथ ही भारत को चेतावनी देने से भी इनकार किया है!

US refuses to warn India on oil purchase from Russia

US refuses to warn India on oil purchase from Russia

व्हाइट हाउस ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों पर अन्य देशों पर भी प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा सकता है जो रूस से तेल आयात कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह प्रत्येक देश का निर्णय है कि वह रूसी तेल का आयात करने जा रहा है या नहीं।इससे पहले खबरें सामने आई थीं कि अमेरिका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) दलीप सिंह ने भारत को रूस से तेल न खरीदने की चेतावनी दी थी।
ये भारत का व्यक्तिगत निर्णय
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ‘भारत रूस से कुल तेल आयात का केवल 1-2 फीसदी तेल ही आयात करता है। साकी ने कहा कि ये भारत सहित प्रत्येक देश का व्यक्तिगत निर्णय है कि वो रूस से तेल आयात करना चाहते हैं या नहीं जो उनके कुल आयात का केवल 1-2 फीसदी है। उनका लगभग 10 प्रतिशत आयात संयुक्त राज्य अमेरिका से होता है।’

भारत अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार
ये बात प्रेस सचिव जेन साकी ने दलीप सिंह के भारत दौरे से जुड़े सवाल पर कही। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका उन देशों पर भी बैन लगाने की चेतावनी दे रहा है जो रूस से तेल आयात कर रहे हैं। इसपर उन्होंने ये भी कहा कि’ मैं इसे चेतावनी के रूप में नहीं देखती हूँ और न ही हमारा उस समय ऐसा कोई मतलब है।’ साकी ने कहा कि “राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि भारत के साथ हमारी साझेदारी दुनिया में हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है।”
भारत ने यूरोप के जरिए दिखाया था आईना
वास्तव में भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अपने अधिकार क बचाव किया है। इसके साथ ही इसपर भइओ प्रकाश डाला है कि कैसे यूरोप यूक्रेन में जारी जंग के बावजूद रूस से अधिक मात्रा में पेट्रोलियम उत्पाद खरीद रहा है।

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि यूक्रेन में जारी जंग के बावजूद यूरोपीय देश रूस से तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदार बने हुए हैं। उन्होंने छूट पर रूसी तेल खरीदने के लिए भारत के खिलाफ एक “अभियान” की भी आलोचना की थी। इसके साथ ही अमेरिका को आईना दिखाया था कि भारत के खिलाफ कुछ कहने से पूर्व यूरोप पर भी नजर डाल लेना चाहिए!

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