अमरीका में भारतीयों की चुनौतियों के बारे में बताया: जयशंकर इस वार्ता के दौरान के भारत के विदेश मंत्री एस जय शंकर ने अमरीका में काम करने और रहने के लिए वीजा प्राप्त करने में भारतीयों को जिन चिंताओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उनके बारे में बताया। बता दें, अमरीकी विदेश विभाग की वेबसाइट से पता चलता है कि नई दिल्ली में वाणिज्य दूतावास में वीजा नियुक्ति के लिए औसत वेटिंग अवधि विजिटर वीजा के लिए 833 दिन और छात्र वीजा के लिए 430 दिन है। अगर अमरीका के वीजा के लिए मुंबई से आवेदन किया जाता है तो यूएस वीज़ा अपॉइंटमेंट के लिए औसत प्रतीक्षा समय विज़िटर वीज़ा के लिए 848 दिन और छात्र वीज़ा के लिए 430 दिन है।
भारत और अमरीका की साझेदारी दुनिया की चुनौतियों के मद्देनजर सबसे निर्णायक अमरीका के विदेश सचिव ब्लिंकन ने, इस बैकलॉग के लिए कोविड -19 महामारी को दोषी ठहराया और कहा कि “मैं इसके प्रति बेहद संवेदनशील हूं।” ब्लिंकन ने कहा कि “वीजा जारी करने की हमारी क्षमता में नाटकीय रूप से गिरावट आई है। ब्लिंकन ने कहा कि, आखिरी चीज जो हम करना चाहेंगे कि वो ये कि ये समस्या और मुश्किल न हो। उन्होंने कहा कि, इसके विपरीत, हम इसे सुविधाजनक बनाना चाहते हैं। इसलिए हमारे साथ आप भी कुछ सहन करें। उन्होंने कहा कि, ये
यह अगले कुछ महीनों और चलेगा, लेकिन हम इस पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” ब्लिंकन ने कहा। इसके अलावा संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, ब्लिंकन ने यह भी कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमरीका के बीच साझेदारी दुनिया में उन भागादरियों में है जिनके सबसे निर्णायक परिणाम दिखेंगे।
उन्होंने कहा कि भागीदारी, दुनिया की किसी भी वैश्विक चुनौती का समाधान करने के लिए है, जिसका आज हम सामना कर रहे हैं – स्वास्थ्य, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और स्वतंत्र और खुली अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना। ब्लिंकन ने कहा कि, पिछले वर्षों में, हमने उस साझेदारी को द्विपक्षीय रूप से बढ़ाने में वास्तविक प्रगति की है – QUAD और G20 जैसे संस्थानों और संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से।”
भारत संभालेगा जी-20 और सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता
ब्लिंकन ने भारत की आगामी अध्यक्षता पर बोलते हुए कहा कि, भारत दिसंबर में ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) की अध्यक्षता संभालेगा। भारत के दिसंबर में UNSC में अध्यक्षता करने और अगले साल G20 में अध्यक्षता संभालने के साथ, हम और अधिक वैश्विक सहयोग और कार्रवाई को एक साथ चलाने के लिए सक्षम होंगे।” बता दें, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसके पहले क्वाड बैठक में ब्लिंकन से मुलाकात की थी, जिसमें भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों की भागीदारी देखी गई।