गौरतलब है कि फ्रांस इन दिनों आतंकवादी हमले का दंश झेल रहा है। ऐसे में 10 जून से होने वाली यूरोपीय चैंपियनशिप पर भी खतरे का साया है। उत्तरी अफ्रीका में फ्रांस के औपनिवेशिक इतिहास, माली में सैन्य कार्रवाई व सीरिया तथा इराक में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ लड़ाई में सैन्य सहायता देने के कारण देश हमेशा से आतंकवादियों के निशाने पर रहा है।
इधर, फ्रांस संसद ने देश में आपातकाल को 26 जुलाई तक बढ़ाने की मांग को स्वीकृति दे दी है, जिससे टूर्नामेंट की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इससे पहले पेरिस में हुए आतंकी हमलों में 130 लोग मारे गए थे। 10 जून से शुरू होकर 10 जुलाई तक चलने वाले इस टूर्नामेंट की मेजबानी फ्रांस करेगा।
पहले भी हो चुका है हमला जब पेरिस में कई सिलसिलेवार हमले हुए थे, तब एक हमला नेशनल स्टेडियम के बाहर भी हुआ था। उस समय फ्रांस और जर्मनी की टीमें दोस्ताना मैच खेल रही थी। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद उस समय दर्शकों के साथ स्टेडियम में ही मौजूद थे। हमले के बाद 14 नवंबर को देश में आपातकाल घोषित कर दिया गया था।