scriptअगर आपको राजस्थान के इस जिले में मकान का पट्टा लेना है तो अपने रूठे पड़ोसी को मनाना होगा | if you want to take tenure you have to persuade your angry neighbor | Patrika News

अगर आपको राजस्थान के इस जिले में मकान का पट्टा लेना है तो अपने रूठे पड़ोसी को मनाना होगा

locationअलवरPublished: Dec 27, 2017 09:14:36 am

Submitted by:

Dharmendra Yadav

राजस्थान के इस जिले में पट्टा लेना है तो नगर परिषद की टीम आवेदक के घर, पड़ोसियों से आवेदक की जानकारी लेगी।

if you want to take tenure you have to persuade your angry neighbour
अलवर. यदि आपने अलवर नगर परिषद में पट्टा लेने का आवेदन कर रखा है तो जल्दी से जल्दी रूठे हुए अपने पड़ोसी को मना लीजिए अन्यथा पट्टा नहीं मिल सकेगा। अलवर नगर परिषद ने पट्टे की जांच की प्रक्रिया में यह नया नियम अपने स्तर पर ही जोड़ दिया है, जिसकी नगर परिषद व आमजन में खासी चर्चा भी होने लगी है।

यूआईटी व नगर परिषद में कई फर्जी पट्टे अधिकारियों के गले की फंास बनने के बाद अब जिम्मेदार अधिकारी ने फूंक-फूंक कर कदम रखना शुरू कर दिया है। जिसका यह एक बड़ा उदाहरण है कि किसी भी तरह की फर्जकारी से बचने के लिए अधिकारी खुद ही नए नियम लागू कर रहे हैं। तभी तो अलवर नगर परिषद ने यह नियम लागू कर दिया कि जिस भी आवेदक का पट्टे का आवेदन है उसके अगल-बगल वाले दो पड़ोसियों से हलफनामा लिया जाएगा। इसके लिए नगर परिषद ने बकायदा पांच सदस्यों की टीम लगाई है।
नगर परिषद की टीम भेजी


इस कार्य के लिए एक टीम बनाई है, जो पट्टे के आवेदक के पड़ोसियों से यह जानेगी कि सम्बंधित व्यक्ति कब से यहां रह रहा है। खुद रहता है या कोई अन्य, जिसकी जानकारी लिखित में ली जाएगी। यदि किसी व्यक्ति के पड़ोसी से अनबन है या आपस में कोई झगड़ा है और उसने जानबूझकर कोई गलत जानकारी दे दी तो पट्टा भी अटक सकता है। इसलिए नगर परिषद की टीम के पहुंचने से पहले अपने पड़ोसी को हर हाल में मनाना होगा। इतना जरूर राहत मिल सकती है कि एक पड़ोसी कोई जानकारी नहीं दे तो अगले से पूछा जा सकता है।
दो हजार से अधिक आवेदन लम्बित

नगर परिषद में करीब दो हजार से अधिक पट्टों के आवेदन लम्बित हैं। करीब सौ आवेदन की जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब इन आवेदकों की मौका रिपोर्ट तैयार हो रही है। नगर परिषद की टीम आवेदकों के घर पर पहुंचकर पड़ोसियों से उनके वहां रहने के प्रमाण जुटाना शुरू कर दिया है। इस नए नियम का विरोध भी हो रहा है, लेकिन नगर परिषद प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि किसी को गलत पट्टा नहीं दिया जा सकता। इसी कारण यह नई शर्त जोड़ी है।

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