ये कानून अब वेल्स में भी लागू हो गया है। वेल्स उन 60 देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जहां बच्चों को शारीरिक सजा देना कानूनी जुर्म है। वेल्स में आज से चांटा मारना, धक्का देना, उसे हिलाना या थप्पड़ मारने जैसे किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड चिल्ड्रन ऐक्ट 2020 (Abolition Of Defence Of Reasonable Punishment - Wales) के तहत गलत माना जाएगा।
प्रथम मंत्री मार्क ड्रेकफोर्ड ने कहा इस कानून पर कहा, "बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन यह स्पष्ट करता है कि बच्चों को नुकसान से और चोट लगने से बचाने का अधिकार है और इसमें शारीरिक दंड शामिल है।"
प्रथम मंत्री मार्क ड्रेकफोर्ड ने कहा इस कानून पर कहा, "बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन यह स्पष्ट करता है कि बच्चों को नुकसान से और चोट लगने से बचाने का अधिकार है और इसमें शारीरिक दंड शामिल है।"
उन्होंने कहा कि 'स्पष्ट रूख अपनाने की आवश्यकता है। अतीत में जो हुआ उससे आगे बढ़ता चाहिए। इसलिए अब वेल्स में शरीरिक सजा के लिए कोई स्थान नहीं है।'
बता दें कि इससे पहले स्कॉटलैंड ने नवंबर 2020 में बच्चों की शारीरिक सजा को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया था। वहीं, इंग्लैंड में माता-पिता अपने बच्चे को थप्पड़ मार सकते हैं परंतु उससे चोट या सूजन नहीं आणि चाहिए अन्यथा ये जुर्म की श्रेणी में आएगा।
बता दें कि इससे पहले स्कॉटलैंड ने नवंबर 2020 में बच्चों की शारीरिक सजा को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया था। वहीं, इंग्लैंड में माता-पिता अपने बच्चे को थप्पड़ मार सकते हैं परंतु उससे चोट या सूजन नहीं आणि चाहिए अन्यथा ये जुर्म की श्रेणी में आएगा।
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