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Scotland : जानिए क्यों कैटेलोनिया की राह पर है स्कॉटलैंड

locationजयपुरPublished: Dec 25, 2019 08:31:51 pm

Submitted by:

pushpesh

-स्कॉटलैंड की आजादी के लिए मांग करने वाली स्टर्जन (sturgeon) ने 80 फीसदी सीटें जीती (scotland freedom movement)
-कैटेलन (Katalon), स्पेन (spain) से जनमत संग्रह (referendum) का वही अधिकार चाहता है, जैसा स्कॉटलैंड ने वर्ष 2014 में लंदन से हासिल किया था।

Scotland : जानिए क्यों कैटेलोनिया की राह पर है स्कॉटलैंड

स्टर्जन

जयपुर.

चुनाव परिणामों के बाद ब्रिटेन के मानचित्र पर विभाजन की रेखाएं उभरने लगी हैं। चुनाव में फस्र्ट मिनिस्टर स्टर्जन की अगुवाई वाली पार्टी ने स्कॉटैंड में 80 फीसदी सीटें जीती हैं। ब्रेग्जिट का विरोध कर रहे स्कॉटलैंड में फिर आजादी की मांग छिड़ गई। ये कैटेलोनिया के उत्तर-पूर्वी स्पेनिश क्षेत्र में जारी विरोध जैसा ही है, जिसने 2017 में एक जनमत संग्रह किया था, लेकिन स्पेन ने इसे अवैध करार दे दिया था। प्रमुख कैटलन अलगाववादियों को निर्वासित कर दिया।
अक्टूबर में स्पैनिश सुप्रीम कोर्ट ने 9 कैटलन अलगाववादियों को 9 से 13 वर्ष की सजा सुनाई। इसके बाद बार्सिलोना सहित अन्य शहरों में दंगे भडक़ गए और विरोध प्रदर्शन सडक़ों पर आ गया। कैटेलन, स्पेन से जनमत संग्रह का वही अधिकार चाहता है, जैसा स्कॉटलैंड ने वर्ष 2014 में लंदन से हासिल किया था। यानी जनमत संग्रह का अधिकार। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि स्कॉटलैंड और कैटेलोनिया दोनों जगह आजादी की मांग करने वाले 50 फीसदी से थोड़े कम हैं, हालांकि अधिकतर लोग जनमत संग्रह चाहते हैं।
नतीजे हमारे पक्ष में : स्टर्जन
मेड्रिड में राजनीतिक अस्थिरता अलगाववादियों को नई ऊर्जा दे सकती है। स्थिर सरकार के लिए प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज एक कैटलन अलगाववादी पार्टी से बातचीत कर रहे हैं, जिससे जेल में बंद अलगाववादियों की रिहाई का भी रास्ता निकल सकता है। स्टर्जन का कहना है कि वह ऐसा खेल नहीं खेलेंगी, जिससे 2017 में कैटेलोनिया में अराजकता की स्थिति हुई थी।
स्टर्जन का कहना है कि चुनाव नतीजों ने स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता के लिए एक और मौका दिया है। जानकार कहते हैं आने वाले महीनों में स्टर्जन और जॉनसन के बीच कानूनी दांव-पेंच देखे जा सकते हैं। चुनाव से पहले स्टर्जन ने एक साक्षात्कार में कहा कि वेस्टमिंस्टर सिस्टम स्कॉटलैंड के लिए काम नहीं कर रहा है। हमारे पास वेस्टमिंस्टर प्रणाली है, जो स्कॉटलैंड में टोरी (कंजर्वेटिव) सरकारों का प्रभुत्व बनाए रखती है। बे्रग्जिट और मितव्यता जैसी नीतियां लागू करने के लिए हमने वोट नहीं दिया।
ब्रेग्जिट के बाद बदले हालात
स्कॉटिश और कैटलन नतीजों को अपने पक्ष में देखते हैं। स्टर्जन ने जोर दिया कि ब्रेग्जिट 2016 के जनमत संग्रह को यह कहकर प्रभावित किया गया कि स्कॉटलैंड की रक्षा का एकमात्र तरीका स्वतंत्रता का विरोध करना है, अब परिस्थितियां बदल गई हैं। स्कॉटलैंड को अब इच्छा के विपरीत यूरोपीय संघ से बाहर निकाला जा रहा है, जो इंग्लैंड के बाजार आठ गुना है। उधर कैटेलोनिया के मंत्री अल्फ्रेड बॉस्क ने साफ कह दिया कि हम यूरोप पर भरोसा करते हैं। हम ब्रेग्जिट चाहने वाले नहीं, बल्कि ईयू में बने रहने के पक्ष में हैं।
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