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तालिबानी बर्बरता से बचने के लिए भारत में हेयर ड्रेसर बनकर रह रहा ये अफगानी सैनिक, 6 साल से परिवार से भी कोई संपर्क नहीं

अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जा होने के बाद वहां के सैनिकों पर भी तालिबान ने भीषण जुल्म किए जिनसे बचने के लिए कई अफगानी सैनिक देश छोड़ गए लेकिन ये सैनिक भारत में ही फंस गया।

नई दिल्लीMar 16, 2024 / 02:33 pm

Jyoti Sharma

Afghanistan's soldier Zaki Marzai  (In Right)

Afghanistan’s soldier Zaki Marzai (In Right)

अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबानी कब्जा हुए 3 साल हो गए। वहां पर आज भी तालिबानी हुकूमत चल रही है और इस हुकूमत से बचने के लिए कई लोग देश से बाहर चले और गुमनामी की जिंदगी जीने लगे। इनमें कई अफगानी सैनिक (Afganistan Soldier) भी शामिल हैं। भारत में भी ऐसा अफगानी सैनिक है जो तालिबान के डर से अपना देश छोड़कर यहां आने को मजबूर हुआ। लेकिन फर्क इतना है कि जिन हाथों में पहले बंदूक और सीने में देश की रक्षा करने का जुनून होता था उनमें अब अपनों को खोने का दर्द है आंखों में खून के आंसू और हाथों में कैंची हैं।

नई दिल्ली में नाई बनकर रह रहा अफगानी सैनिक

अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) में रह रहा ये अफगानी सैनिक अब एक हेयर ड्रेसर (Barber) बन चुका है। 29 साल के इस अफगानी सैनिक का नाम ज़की मरज़ई है। दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कालोनी में इन्होंने एक छोटी सी दुकान खोली है। वो लोगों के बाल काटकर उन्हें सजाने-संवारने का काम करते है। मरजई 3 साल पहले ही अफगानिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे। उन्होंने बताया कि वो अफगानिस्तानी सेना (Afganistan Army)के विशिष्ट विशेष बल में सैनिक थे। मरजई 2015 में एक सार्जेंट (सेना में एक विशेष रैंक) के तौर पर सेना में शामिल हुए। जल्द ही वो सेना में एक कमीशन अधिकारी बनने वाले थे।

2018 में सेना की टुकड़ी पर हुआ तालिबानी हमला

मरजई ने बताया कि 20 जून, 2018 में वो अफगानिस्तान के गजनी (Ghazni) प्रांत में एक शिविर के बाहर तैनात थे, तब तालिबान (Taliban) ने उनकी सेनी की टुकड़ी के ऊपर हमला कर दिया। इस हमले में 25 सैनिकों की मौत हो गई। वहीं 6 सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों में मरजई भी शामिल थे। मरजई के पैर और ठुड्डी और हाथ में गोली लगी थी। अफगानिस्तान की सरकार ने उन्हें बेहतरीन इलाज के लिए भारत भेज दिया था। लेकिन उनके माता-पिता और आठ भाई-बहन अफगानिस्तान में ही छूट गए। 2021 तक वो अफगानिस्तान लौटने वाले थे लेकिन 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया, जब अमेरिका ने तालिबान से अपनी पूरी सेना वापस बुला ली।

वापस गए तो तालिबान मार देगा

मरज़ई ने बताया कि हमले की खबर सुनकर उन्होंने अफगानिस्तान में रह रहे अपने परिवार से फोन के जरिए संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वो हो नहीं पाया। मरजई ने बताया कि वो अब भारत में फंस गए हैं वो अपने परिवार से मिलना चाहते हैं लेकिन नहीं मिल पा रहे हैं। मरजई ने बताया कि वो अफगानिस्तान गए तो मार दिए जाएंगे क्योंकि तालिबान (Taliban) अफगानी सैनिकों को अपना दुश्मन मानता है। अगस्त 2021 से तालिबान ने सैनिकों को माफी देने के ऐलान के बावजूद कम से कम 200 पूर्व अफगान सैनिकों और सरकारी अधिकारियों को बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।

दूतावास ने पैसा देना किया बंद

रिपोर्ट के मुताबिक ये सैनिक इसलिए परेशान हैं क्योंकि अफगानिस्तान दूतावास ने भी उन्हें पैसा देना बंद कर दिया है क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबान का राज हो गया है। ऐस में अब ये जैसे-तैसे कुछ भी काम कर अपना गुजारा कर रहे हैं।

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