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आज है चतुर्थी तिथि, आज किसी भी शुभ कार्य के नहीं अच्छा है मुहूर्त

Published: Apr 19, 2018 11:39:05 am

चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि रात्रि ११.०८ तक, इसके बाद पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि है। चतुर्थी तिथि में वध-बंधन, अग्निविषादिक कार्य करने योग्य हैं।

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rashifal 16 february 2019

चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि रात्रि ११.०८ तक, इसके बाद पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि है। चतुर्थी तिथि में वध-बंधन, अग्निविषादिक कार्य करने योग्य हैं। पर किसी शुभ कार्यारम्भ के समय लग्न में केन्द्र या त्रिकोण स्थान में कोई शुभ ग्रह स्थित हो तो रिक्ता तिथि का दोष परिहृत हो जाता है। तब शुभ कार्यों में कोई दोष नहीं।
नक्षत्र: रोहिणी ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि १०.५१ तक, इसके बाद मृगशिर ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। रोहिणी नक्षत्र में समस्त स्थिर कार्य, विवाहादि मांगलिक कार्य, पौष्टिक, गृहारम्भ, यात्रा, प्रवेश व अलंकारादिक कार्य और मृगशिर नक्षत्र में में विवाह, यज्ञोपवीत, यात्रा व प्रतिष्ठादिक कार्य शुभ कहे गए हैं। योग: सौभाग्य नामक योग दोपहर बाद २.१४ तक, तदन्तर शोभन नामक योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं।
विशिष्ट योग: दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग सूर्योदय से रात्रि १०.५१ तक है। करण: वणिज नामकरण दोपहर १२.१९ तक, इसके बाद रात्रि ११.०८ तक भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण है। भद्रा में यथासंभव शुभ कार्य टाल देने चाहिए।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि वार नक्षत्र व योगानुसार आज रोहिणी नक्षत्र में विवाह का (दिवालग्न) और मृगशिर नक्षत्र में यथाआवश्यक विवाह व वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त हैं।

श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ७.४५ तक शुभ, पूर्वाह्न १०.५३ से अपराह्न ३.३६ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं ५.१३ से सूर्यास्त शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.०० से १२.५१ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: आज विनायक चतुर्थी व रोहिणी व्रत (जैन) है। चन्द्रमा: चन्द्रमा संपूर्ण दिवारात्रि वृष राशि में है। ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: रात्रि २.०८ पर शुक्र वृष राशि में प्रवेश कर लेगा। ग्रह मार्गी-वक्री: वक्री गुरु प्रात: ७.५८ पर विशाखा में प्रवेश करेगा। दिशाशूल: गुरुवार को वैसे दक्षिण दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज वृष राशि के चन्द्रमा का वास दक्षिण दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा। यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला व शुभ माना गया है। राहुकाल: दोपहर बाद १.३० से अपराह्न ३.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (वा, वि, वु, वे, वो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि वृष है। इनका जन्म स्वर्णपाद से हुआ है। सामान्यत: ये जातक कुछ लोभी प्रकृति के उग्र, साहसी, वीर, चंचल, पर स्वरूपवान, बुद्धिमानी, भोगी, चतुर, दक्ष और तेजस्वी होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग ३० वर्ष की आयु तक होता है। वृष राशि वाले जातकों को मातृपक्ष की कुछ चिंता रहेगी। जायदाद से लाभ होगा। राजनीति के क्षेत्र में प्रभाव बढ़ेगा। मान-सम्मान भी मिलेगा।

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