ये भी पढ़ें- Hariyali Amavasya 2019 : बहुत महत्वपूर्ण है सावन अमावस्या, ये है पूजन विधि इस दिन
सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना करती हैं और भगवान शिव (
Lord Shiva ) के साथ मां पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं और हाथों में मेहंदी भी लगाती हैं।
श्रृंगार का महत्व हरियाली तीज के दिन श्रृंगार का खास महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन सुहागन महिलाओं को 16 श्रृंगार करना चाहिए। कहा जाता है कि जो 16 श्रृंगार ना कर सके, उन्हें इस दिन मेहंदी, चूड़ी और साड़ी अवश्य पहनकर पूजा करनी चाहिए।
क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज मान्यता के अनुसार, हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव का
माता पार्वती से विवाह हुआ था। मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर के श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को देवी पार्वती से विवाह किया था।
हरियाली तीज को क्या करती हैं महिलाएं हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं मां पार्वती के साथ भगवान शंकर की पूजा करती हैं। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
कब मनाई जाती है हरियाली तीज हरियाली तीज सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस बार हरियाली तीज 3 अगस्त ( शनिवार ) को है।