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जानकी जयंती: शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जानकी जयंती: शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

May 12, 2019 / 06:15 pm

Pawan Tiwari

जानकी जयंती: शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सीता नवमी वैशाख शुक्लपक्ष की नवमी को पड़ती है। मान्यता है कि इसी दिन माता सीता प्रकट हुईं थी। इसलिए वैशाख शुक्लपक्ष की नवमी को सीता जयंती के तौर पर मनाया जाता है। बता दें कि सीता नवमी 13 मई (सोमवार) को मनाई जा रही है।
नवमी तिथि 12 मई को 17:36 बजे से शुरू हो कर 13 मई को दोपहर के 15:20 समाप्त हो रहा है।

सीता नवमी पूजा-मुहूर्त 13 मई को 10:37 से 13:10 बजे तक है। इस दौरान पूजा करना शुभ रहेगा।
कैसे करें पूजा

मान्यता है कि सीता नवमी व्रत पूजन की तैयारी एक दिन पहले से ही करनी चाहिए। यानि की अष्टमी के दिन से ही घर की साफ-सफाई करनी चाहिए। साफ-सफाई के बाद पूजा घर या किसी साफ स्थान पर गंगा जल का छिड़ककर उस स्थान को पवित्र कर दें। इसके बाद वहां मंडप बनाएं। मंडप चार, आठ या सोलह स्तंभ का होना चाहिए।
इस मंडप के बीच में एक आसन लगाएं और उस आसन पर माता सीता और भगवान श्रीराम का प्रतिमा स्थापित करें। अगर प्रतिमा संभव नहीं है तो वहां पर चित्र भी रख सकते हैं। इसके बाद कलश का स्थापना कर व्रत का संकल्प लें। नवमी के दिन स्नान कर माता सीता और भगवान श्रीराम की पूजा करें और दशमी को विधि-विधान से मंडप को विसर्जन करें।
मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, जिस प्रकार राम नवमी शुभ फलदायी होता है, उसी प्रकार सीता नवमी भी फलदायी है। क्योंकि भगवान श्रीराम विष्णु के अवतार हैं जबकि माता सीता लक्ष्मी के स्वरूप हैं। कहा जाता है कि जो भी इस दिन माता सीता की पूजा अर्चना भगवान राम के साथ करता है, उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

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