जीवन में जब भी कोई बड़ी समस्या आती है तो ज्योतिष के जानकार विद्वान उस समय मां भगवती की आराधना करने की सलाह देते हैं। इसमें दुर्गासप्तशती का पाठ करना और उसके कई उपाय भी शामिल होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूरी दुर्गासप्तशती का पाठ या अनुष्ठान करने की आवश्यकता नहीं है वरन एक श्लोकी दुर्गासप्तशती का अनुष्ठान करना ही काफी होता है।
इस एक श्लोकी दुर्गासप्तशती में एक ही मंत्र होता है जो अगली स्लाइड में बताया गया है। रोज सुबह मां दुर्गा की विधिवत पूजा-अर्चना कर इस मंत्र का एक माला जप करें तो बड़े बड़ा संकट भी दूर होता है और सभी इच्छाएं पलक झपकते पूरी होती हैं।
एक श्लोकी दुर्गासप्तशती मंत्र इस प्रकार है-
"या अंबा मधुकैटभ प्रमथिनी,या माहिषोन्मूलिनी,
या धूम्रेक्षण चन्ड मुंड मथिनी,या रक्तबीजाशिनी,
शक्तिः शुंभ निशुंभ दैत्य दलिनी,या सिद्धलक्ष्मी: परा,
सादुर्गा नवकोटि विश्व सहिता,माम् पातु विश्वेश्वरी"