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आज किसी भी शुभ कार्य के लिए नहीं हैं अच्छे मुहूर्त, आप भी इन बातों का ध्यान रखें

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Published: January 17, 2018 10:00:04 am
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अमावस्या प्रात: ७.४७ तक, इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा प्रारंभ हो जाएगी। अमावस्या व शुक्ल प्रतिपदा दोनों ही तिथियों में सामान्यत: शुभ व मंगल कार्यादि शुभ नहीं होते। वैसे भी अभी धनु का मलमास है तथा शुक्र अस्त है। ऐसी दशा में शुभ मांगलिक कार्य वर्जित हैं। नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि १०.१८ तक, तदन्तर श्रवण ‘चर व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में सभी शुभ व मांगलिक कार्य, व्यापार-व्यवसायादि प्रारंभ तथा श्रवण नक्षत्र में विद्यारंभ, वाहन, सवारी, जनेऊ आदि के कार्य सिद्ध होते हैं। पर समय शुद्ध नहीं है और तिथि भी शुभ नहीं है। योग: हर्षण नामक नैसर्गिक शुभ योग प्रात: ९.४६ तक, तदन्तर वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। वज्र नामक योग की प्रथम तीन घटी शुभ कार्यों में त्याज्य हैं। विशिष्ट योग: कुमार योग नामक शुभ योग रात्रि १०.१८ से अगले दिन सूर्योदय तक है। कुमार योग में शिक्षा-दीक्षा व मैत्री करना आदि कार्य शुभ होते हैं। करण: नाग नाम करण प्रात: ७.४७ तक, इसके बाद किंस्तुघ्नादि करण हैं।

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श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ९.५९ तक लाभ व अमृत, पूर्वाह्न ११.१८ से दोपहर १२.३७ तक शुभ तथा अपराह्न ३.१४ से सूर्यास्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक शुभ कार्यों में ग्राह्य नहीं है। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।

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व्रतोत्सव: उपर्युक्त शुभाशुभ तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज कोई व्रतोत्सव नहीं है। पर स्नानदान की अमावस्या तथा त्रिवेणी अमावस्या (उड़ीसा में) है। चन्द्रमा: चन्द्रमा संपूर्ण दिवारात्रि मकर राशि में रहेगा। दिशाशूल: बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: दोपहर १२.०० से दोपहर बाद १.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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