योग: ध्रुव नामक नैसर्गिक शुभ योग अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: ५.४५ तक, तदुपरान्त व्याघात नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। व्याघात नामक योग की प्रथम नौ घटी शुभ कार्यों में वर्जित है। विशिष्ट योग: आज राजयोग नामक शुभ योग सूर्योदय से दोपहर बाद १.१५ तक है। राजयोग नामक योग में सभी धार्मिक व मांगलिक कार्य शुभ कहे गए हैं। करण: कौलव नामकरण सायं ५.२१ तक, इसके बाद तैतिलादि करण रहेंगे।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ९.५० तक लाभ व अमृत, पूर्वाह्न ११.०७ से दोपहर १२.२४ तक शुभ तथा दोपहर बाद २.५९ से सूर्यास्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभ कार्यों में वर्जित माना गया है।
राहुकाल: दोपहर १२.०० से दोपहर बाद १.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे: आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ढा, भे, भो, ज, जी) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। रात्रि ८.०२ तक जन्मे जातकों की राशि धनु व इसके बाद जन्मे जातकों की राशि मकर है। इनका जन्म ताम्रपाद से है। सामान्यत: ये जातक सदैव आनंद से रहने वाले, कार्यों में तत्पर, बुद्धिमान, उपकारी, सबके मित्र, होशियार, कार्यकुशल, गाने बजाने के शौकीन, विनम्र और कार्यकुशल होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग २८ वर्ष की आयु तक हो जाता है। धनु राशि वाले जातकों को आज कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी, पर्याप्त अर्थलाभ भी होगा।