यह है वेब रेडियो
प्रिन्ट व इलेक्ट्रॉनिक में लगभग डेढ़ दशक का अनुभव रखने वाले डा कुंजन आचार्य ने बताया कि वेब रेडियो अपने श्रोताओं तक सीधे पहुंचने का प्रसारकों को लाभ देता है। वेब रेडियो के माध्यम से हम छोटे से छोटे रेडियो स्टेशन को भी जहां पर इंटरनेट की सुविधा उपलबध है, सुन सकते हैं। हिमांशु पब्लिकेशन्स उदयपुर की ओर से प्रकाशित पुस्तक के वितरक आर्य बुक सेंटर हैं, लेकिन इसे आॅनलाइन भी मंगवाया जा सकता है।
दरअसल डिजिटल क्रांति का असर श्रव्य माध्यम के सबसे लोकप्रिय रूप रेडियो पर भी पड़ा है और इसलिए अब रूप बदलकर यह वेबरेडियो के रूप में आया है। परम्परागत रेडियो या एफएम को निश्चित जगह पर ही सुना जा सकता है लेकिन वेव के दायरे में ना दूरी का बंधन है और समय का। इसके अलावा दोनों में सार्वजनिक प्रसारण का का बुनियादी अंतर भी है। कम्प्यूटर डिवाइस के माध्यम रेडियो का अनुभव करने का एक नया तरीका भी है। इससे सुनने के लिए श्रोता को निश्चित तौर पर एक नए इन्टरफेस अर्थात स्क्रीन, की बोर्ड व माउस का उपयोग करना पड़ता है।