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छिंदवाड़ा

Innovation: आदिवासी अंचल में की जाएगी लौंग और काली मिर्च की खेती

– कलेक्टर ने ली कृषि एवं संबंधित विभागों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक
– किसानों का चयन कर इसी वर्षा ऋतु में रोपण कराने के दिए हैं निर्देश

छिंदवाड़ाMay 03, 2024 / 05:57 pm

prabha shankar

Chhindwara DM

फिश फीड यूनिट का निरीक्षण करते कलेक्टर व अन्य अधिकारी

जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा एवं जुन्नारदेव विकासखंड में नवाचार के रूप में लौंग, कालीमिर्च एवं इलायची फसल की खेती की जाएगी। कलेक्टर ने किसानों का चयन कर इसी वर्ष वर्षा ऋतु में रोपण कराने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को कृषि एवं सम्बद्ध विभागों और फसल उपार्जन की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में बताया गया कि विशेषकर यह नवाचार तामिया के पातालकोट क्षेत्र में किया जाएगा, जिससे यहां के भारिया आदिवासियों को इसका लाभ मिले। लौंग, कालीमिर्च एवं इलायची के पौधे जिले के तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा विकासखंड में उद्यान विभाग की रोपणियों पर भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप लगवाए जाएंगे।

मसाला बोर्ड के वैज्ञानिक भारत अर्जुन ने बताया कि इनके पौधों की व्यवस्था दक्षिण भारत में स्थित मसाला बोर्ड की रोपणियों से की जाएगी। बैठक के दौरान लौंग, कालीमिर्च और इलायची के पौधे भी कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों के अवलोकन के लिए लाए गए थे। इस संबंध में उन्होंने बैठक में उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों से सुझाव और इन फसलों के लिए जिले में अनुकूल क्लाइमेट की उपलब्धता की जानकारी भी प्राप्त की। इसी तरह कृषकों के हित में अन्य नवाचारों की संभावना पर भी विचार विमर्श किया गया।

कम कीमत पर गुणवत्तायुक्त बीज

कलेक्टर ने कहा कि किसानों को कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता की खाद-बीज मिलें और उनके उत्पाद अधिक कीमत पर विक्रय हों, यही एफपीओ गठन का मूल मंत्र है। कृषि एवं संबंधित सभी विभाग उनकी आवश्यकताओं के बारे में अभी से जानकारी एकत्र कर, उसी अनुरूप कार्ययोजना बनाएं। जो लाभ बिचौलिए उठा लेते हैं, वह पूरा का पूरा हमारे किसानों को मिले।

बेकार पड़े नाडेप टांके, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट
जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में ग्राम के हरा अपशिष्ट का प्रबंधन के लिए नाडेप टांकों का निर्माण कराया गया है। वर्तमान स्थिति में इन नाडेप टांकों का अवलोकन करने पर संज्ञान में आया है कि विशेष प्रयोजन के लिए निर्मित कराए गए ये नाडेप टांके क्रियाशील स्थिति में नहीं हैं। इसके लिए ग्राम पंचायतों में जितने नाडेप टांके बनाए गए हैं, उनकी सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। साथ ही ग्राम में एनआरएलएम के स्व-सहायता समूह जो जैविक खेती में कार्य कर रहे हैं, उन्हें भी अभियान में शामिल करें। समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।

फिश फीड यूनिट का किया निरीक्षण

कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने गुरुवार को छिंदवाड़ा विकासखंड के ग्राम भैसादंड पहुंचकर यहां पर स्थापित प्रदेश के प्रथम मत्स्य आहार संयंत्र का निरीक्षण किया तथा यूनिट संचालन की कार्यप्रणाली, मार्केटिंग, प्राप्त शुद्ध लाभ आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। संयंत्र के मैनेजर जुनैद खान ने बताया कि यहां तैयार फिश फीड का विक्रय प्रदेश के साथ ही, प्रदेश के बाहर असम, उड़ीसा, बिहार, झारखंड तथा उत्तरप्रदेश तक किया जा रहा है। संयंत्र की वर्तमान क्षमता 20 टन प्रतिदिवस है, जिसे बढ़ाने के लिए बाहर से नई मशीन बुलवाई जा रही हैं। कलेक्टर ने इसी के समीप आरएएस (री- सर्कुलेटरी एक्का कल्चर सिस्टम) टैंक में किए जा रहे मछली पालन कार्य का भी निरीक्षण किया।

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