जलाभिषेक अभियान की नहीं आई गाइडलाइन
आम तौर पर हर साल मार्च में ही जलाभिषेक अभियान की सरकारी गाइड लाइन आ जाती है। इस बार लोकसभा चुनाव में पूरी सरकार और शासन-प्रशासन की व्यस्तता के चलते गाइडलाइन जारी नहीं हो सकी। प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी भी इसे स्वीकार रहे हैं। जनपद पंचायत छिंदवाड़ा के पंचायत इंस्पेक्टर दिलीप नुन्हारिया के अनुसार लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इस बार जल संरक्षण अभियान की गाइडलाइन नहीं आई है। छह जून के बाद इसका इंतजार रहेगा।
पीएचई में नहीं बना शिकायत निवारण प्रकोष्ठ
ग्रामीण अंचलों में पेयजल की शिकायतों के निवारण के लिए पीएचई विभाग में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ बनाने का भी नियम है। इस बार मई की इस गर्मी में ऐसी कोई तैयारी दिखाई नहीं दे रही है। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया है। इसके साथ ही शिकायती नंबर भी जारी नहीं किए गए हैं।
चुनावी तैयारी में चले गए मार्च-अप्रेल माह
जल संरक्षण अभियान की शुरुआत मार्च-अप्रेल में करने का नियम है। इस बार लोकसभा चुनाव के चलते पूरा प्रशासन व्यस्त रहा। इसके चलते कोई तैयारी नहीं हो सकी। अब मतदान तिथि से मतगणना तिथि चार जून तक डेढ़ माह का समय है। इस समय का उपयोग किया जा सकता है।
प्रशासन चाहे तो स्थानीय स्तर पर प्रबंधन संभव
छिंदवाड़ा में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद प्रशासनिक गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं। ऐसे में प्रशासन से इस पर ध्यान देने की अपेक्षा की जा रही है। इस अभियान में नए तालाब निर्माण के भूमिपूजन, नदी-नालों में बोरी बंधान, भूमिगत जल रिचार्ज, कुंओं की सफाई, वाटर हार्वेस्टिंग और हैंडपंप सुधार जैसे काम कराए जा सकते हैं। इससे बारिश में पानी का प्रबंधन होता है।गांवों में कहीं पुराने हैंडपंप की मरम्मत, कुएं की सफाई तो कराई जा सकती है लेकिन पेयजल से संबंधित नए कार्य के लिए लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने का इंतजार करना होगा। तब ये कार्य कराए जा सकेंगे।
-पार्थ जैसवाल, सीइओ जिला पंचायत।