शुक्रवार को मुनि अक्षयसागर सहित सात मुनि और एक ऐलक का कुंडलपुर में मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य विद्यासागर जिस लकड़ी के आसन पर बैठकर भक्तों को संबोधित करते थे, वह फिलहाल कुंडलपुर में रखा गया हैं। संत भवन में यह आसन रखा है। जिसमें आचार्यश्री का आशीर्वाद देते हुए चित्र लगाया गया है। इसे देखते ही भक्त सीधे आसन के दर्शन के लिए पहुंचते हैं और माथा फेर आचार्यश्री के जयकारे लगा रहे हैं।
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11 एकड़ में तैयार हो रहे मुख्य पंडाल का मुख्य गेट सोने की तरह दमकेगा। इसे बनाने के लिए जोधपुर से 250 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। गोल्डन लुक में इसमें आकर्षक लाइट्स की कलाकारी भी देखने मिलेगी। करीब 50 लाख से अधिक खर्च कर इसे तैयार किया जा रहा है।
महोत्सव में विदेशों से भी भक्त शामिल होने को आतुर हैं। समिति के बनाए आवासों में दुबई और यूएस के भक्तों ने बुकिंग कराई है। एनआरआइ फोन पर लगातार संपर्क कर रहे हैं।
यूरोप से 5 हजार से अधिक आकर्षक लाइट्स मंगवाकर बड़ेबाबा के मंदिर में लगाई जा रही हैं। इन्हें क्ह्रश्वयूटर से ऑपरेट कर डिजाइन और रोशनी में बदलाव किया जा सकता है। बड़ेबाबा मंदिर में अधिकांश काम हो गया है, जबकि सहस्त्रकूट मंदिर और अन्य जगहों पर लाइटिंग का काम जारी है। कुंडलपुर में आकर्षक लाइटिंग की स्थाई व्यवस्था की जा रही है।
15 से 17 अप्रेल तक कुंडलपुर जाने और आने वाले वाहनों का मार्ग, डायवर्सन, वन-वे एवं पार्किंग व्यवस्था की गई है।