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जबलपुर

पांच दिन बाद यादों में रह जाएगी ‘लाइफ लाइन’

महाकोशल में ब्रिटिश शासनकाल में बिछाई गई आधा दर्जन नैरोगेज लाइन, अब
विदाई की तैयारी, नागपुर-छिंदवाड़ा नैरोगेज की भी उलटी गिनती शुरू

जबलपुरOct 25, 2015 / 10:31 am

जबलपुर ऑनलाइन

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(फोटो- नैरोगेज के आखिरी सफर की जानकारी)
जबलपुर। एक सदी तक महाकोशल अंचल की ‘लाइफ लाइन’ रही छुकछुक गाड़ी पांच दिन बाद सिर्फ यादों में रह जाएगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेल ने नागपुर मंडल के तहत संचालित सभी नैरोगेज ट्रेनों को 31 अक्टूबर को विदाई देने की तैयारी कर ली है। नैनपुर से बालाघाट, मंडला और छिंदवाड़ा-नागपुर के बीच संचालित नैरोगेज ट्रेनों का आखिरी फेरा तय कर दिया गया है। इन तीनों ट्रैक पर एक नवम्बर से नैरोगेज ट्रेन नहीं दौड़ेगी। अंचल में तरकीबन 516 किमी में फैली नैरोगेज के जबलपुर-नैनुपर के बीच 110 किमी के ट्रैक को पिछले माह बंद किया जा चुका है। अब तकरीबन 406 किमी के नैरोगेज ट्रैक के छिंदवाड़ा-नागपुर रेलखंड पर ट्रेन का आखिरी सफर होगा।
बन जाएंगी अतीत का हिस्सा
नैरोगेज की आखिरी ट्रेन शनिवार देर रात छिंदवाड़ा-नागपुर और नागपुर से छिंदवाड़ा के लिए रवाना होगी। दोनों ट्रेनों के एक नवम्बर की सुबह पांच बजे अपनी मंजिल तक पहुंचने के साथ ही अंग्रेजों की ओर से बिछाई गई नैरोगेज की ट्रेनें अतीत का हिस्सा बन जाएंगी। यह जानकारी दपूमरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने दी।
सबसे बड़े जंक्शन का दर्जा समाप्त होगा
नैरोगेज ट्रेन बंद होने के साथ ही अब तक नैनपुर स्टेशन को मिले एशिया में नैरोगेज के सबसे बड़े जंक्शन का दर्जा भी समाप्त हो जाएगा। नैनपुर स्टेशन को नैरोगेज ट्रेन नागपुर, जबलपुर, बालाघाट और मंडला से जोड़ती थी। सबसे पुराने ट्रैक, ज्यादा क्षेत्र को कवर करने और चार दिशाओं से जुडऩे के कारण नैनपुर को सबसे बड़े नैरोगेज जंक्शन का दर्जा था।
ये मांग खारिज
नैनपुर-बालाघाट के बीच कुछ जगह वन विभाग की अनापत्ति नहीं मिलने से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इस ट्रैक पर नैरोगेज के ब्रॉडगेज में बदलने सम्बंधी काम भी तेज नहीं हुआ है। इसके चलते बालाघाट सहित आसपास के लोग नैनपुर-बालाघाट के बीच ट्रेनों का सफर जारी रखने की मांग कर रहे थे, लेकिन अमान परिवर्तन की आवश्यकता के चलते रेलवे ने मांग खारिज कर दी है।
एक नजर
गोंदिया-बालाघाट-कटंगी के बीच नैरोगेज को ब्रॉडगेज में बदला जा चुका है।
बालाघाट-भरेवली (माइंस) तक नैरोगेज का ट्रैक भी ब्रॉडगेज हो चुका है।
इन दोनों ट्रैक पर ब्रॉडगेज की पैसेंजर ट्रेन और गुड्स ट्रेन संचालित है।
जबलपुर-नैनपुर के बीच नैरोगेज ट्रैक एक अक्टूबर से बंद किया जा चुका है।
इस ट्रैक पर कछपुरा (जबलपुर)-सगड़ा के बीच बड़ी लाइन बिछाई जा चुकी है।
ग्वारीघाट-नैनपुर के बीच नैरोगेज की लाइन हटाने का काम शुरू किया गया है।
एक नवम्बर से नैनपुर-मंडला, नैनपुर-बालाघाट, नैनपुर-छिंदवाड़ा-नागपुर के बीच नैरोगेज ट्रैक हटाने का काम शुरू होगा।

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