भाजपा कंट्रोल रूम लाइव : शिकायतों से ज्यादा मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर रहा फोकस
लोकसभा चुनाव दूसरे चरण की 13 सीटों पर हुए मतदान के दौरान भाजपा प्रदेश कार्यालय में मॉनिटरिंग टीम सक्रिय रही। यहां कंट्रोल रूम में दिनभर करीब 415 शिकायतें पहुंची। इनमें कई मतदान केन्द्रों पर धीमी गति से मतदान होने, पुलिस और पोलिंग पार्टी स्तर पर मतदाताओं से अच्छा व्यवहार नहीं करने, दिव्यांगों को सहयोग नहीं करने से जुड़ी शिकायतें ज्यादा रही। इसके अलावा पुलिस प्रशासन की ओर से भाजपा के वाहनों को रोकने की शिकायत पर पार्टी ने संज्ञान लिया और पुलिस प्रशासन से बात की। हालांकि, इस दौरान कंट्रोल रूम में बैठी टीम का ज्यादातर फोकस मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर रहा। बूथ संयोजक से लेकर लोकसभा सीट प्रभारियों को निर्देश दिए जाते रहे लेकिन उनकी टीम घर-घर तक पहुंचती रही। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं हो।
इस बीच टोंक सीट पर एक गांव में लोगों ने पानी की समस्या को लेकर मतदान बहिष्कार किया। स्थानीय नेता-कार्यकर्ताओं को समझाइश के लिए भेजा गया। चुनाव प्रबंधन समिति के ओंकार सिंह लखावत, भाजपा लीगल सेल के प्रदेश संयोजक सौरभ सारस्वत के नेतृत्व में पूरी टीम फोन पर हर लोकसभा क्षेत्र की लीगल टीम से फीडबैक लेती रही।
कांग्रेस कंट्रोल रूम लाइव: मतदान से जुड़ी 300 से ज्यादा शिकायत पहुंची
प्रदेश में शुक्रवार को दूसरे चरण की 13 सीटों पर हुए मतदान के दौरान मतदान से जुड़ी 300 से ज्यादा शिकायतें प्रदेश कांग्रेस के कंट्रोल रूम तक पहुंची। सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 तक शिकायतों का आना जारी था। सबसे ज्यादा शिकायतें ईवीएम मशीनें खराब होने और धीमी मतदान को लेकर थीं। कांग्रेस कंट्रोल रूम में तैनात पार्टी कार्यकर्ता लगातार शिकायतों के निस्तारण के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों और पार्टी के स्थानीय नेताओं से संपर्क करते रहे। कांग्रेस कंट्रोल रूम के इंचार्ज मुमताज मसीह के नेतृत्व में करीब 25 से ज्यादा कार्यकर्ता 13 सीटों के चुनाव पर पैनी नजर रखे हुए थे। सुबह मतदान की शुरुआत के साथ ही कई जगहों पर ईवीएम खराबी की शिकायतें आई थीं जिनका तुरंत निर्वाचन अधिकारियों से बात करके समाधान किया गया। इसी तरह से कुछ जगहों पर धीमे मतदान की भी शिकायतें पोलिंग बूथ एजेंट और कार्यकर्ताओं ने की थी, जिस पर तुरंत बात करके समाधान किया गया।
कई बूथ एजेंट और कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर भी असहयोग की शिकायत कंट्रोल में की थी। कई जगह पर मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची में से गायब होने की शिकायतें स्थानीय कार्यकर्ताओं ने निर्वाचन विभाग से जुड़े अधिकारियों से की थी। वहीं कई शिकायतें लीगल मामलों से भी जुड़ी थीं जिन्हें पीसीसी के लीगल सेल के पदाधिकारियों के जरिए समाधान कराया गया। कंट्रोल रूम के इंचार्ज मुमताज मसीह ने बताया कि पहले चरण में भी ज्यादातर शिकायतें ईवीएम खराबी और धीमें मतदान को लेकर थी।