कटनी। एक ओर शहर में स्वच्छता के लिए निगम द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर उनके माध्यम से संचालित स्कूलों में ही शौचालय की स्थिति ठीक नहीं है। वहीं पुराने भवन का छप्पर जर्जर हो गया है और उससे दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। यह स्थिति है नगर निगम के कस्तूरचंद कन्या स्कूल की। जहां पर प्राइमरी, मिडिल व हाईस्कूल संचालित है। स्कूल में लगभग 700 छात्राएं अध्ययन करती हैं और उनकी सुविधा के लिए एक शौचालय है जबकि पुराना शौचालय जर्जर हो गया है। जिसका उपयोग करने में छात्राएं कतराती हैं। परिसर में एक नया शौचालय बनाया गया है लेकिन उसके भरोसे सैकड़ों छात्राओं को सुविधा नहीं मिल पा रही है।
परिसर में ही मिडिल स्कूल का संचालन होता है। जिसके तीन कमरों के सामने का छप्पर जर्जर हो चुका है। छप्पर का हिस्सा रोजाना टूटकर गिर रहा है और उसके चलते कभी भी दुर्घटना हो सकती है। छात्राओं ने बताया कि बारिश के दिनों में कमरों तक पानी भर जाता है और छप्पर में लगी सीट टूटकर आए दिन गिरती हैं, जिससे कई बार वे घायल भी चुकी हैं।
नगर निगम ने परिसर में कुछ दिन पूर्व ही पेवर ब्लाक लगाने का कार्य कराया है, जिससे बारिश के दिनों में भरने वाले पानी से छात्राओं को राहत मिलेगी लेकिन पुराने भवन, शौचालयों की मरम्मत न होने से परेशानी बढ़ी हुई है। इस संबंध में महापौर शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि स्कूलों के भवनों आदि के सुधार का कार्य जारी है। केसीएस में भी कार्य कराया है और जो काम शेष हैं, उसे भी जल्द पूरा कराया जाएगा।
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