कटनी। मावठा की बारिश से फसलों में सिंचाई में हल्की राहत मिली थी तो बादलों के डेरों ने किसानों की फिर से चिंता बढ़ा दी है। दो दिन से जिले में बादल छाए हुए हैं और कोहरे के चलते फसलों में रोग व पाला की संभावना बढ़ गई है। लगभग एक सप्ताह पूर्व लगातार पड़ी ठंड पडऩा प्रारंभ हो गई थी। कोहरे से नुकसान की आशंका के बीच किसानोंं ने बचाव के उपाय प्रारंभ कर दिए थे और मौसम के साफ हो जाने से फसलों में नुकसान देखने को नहीं मिला।
जिले में इस वर्ष रबी सीजन में गेहूं की बोनी के लिए एक लाख 5 हजार हेक्टेयर का रकबा निर्धारित किया था और उसमें से लगभग पूरी बोनी हो चुकी है। साथ ही 20 हजार हेक्टेयर के लगभग रकबे में दलहनी फसल बोई गई है। खरीफ सीजन में अच्छी बारिश से रबी सीजन में भी अच्छे उत्पादन की संभावना से किसान खुश हैं लेकिन बादलों के डेरों से रोग लगने की आशंका से उनकी चिंता बढ़ी हुई है। कृषक तुलसीराम हल्दकार का कहना है कि बादलों को डेरा बना रहता है तो दलहनी फसलों को नुकसान हो सकता है, जिसमें इल्ली आदि के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है।
दूसरी ओर उपसंचालक कृषि एपी सुमन का कहना है कि लगातार बदल रहे मौसम में पाला गिरने से नुकसान हो सकता है और इसके लिए किसानों को चेतावनी जारी कर खेतों में धुआं व सिंचाई करने की सलाह दी जा रही है। सुमन का कहना है कि बादलों से तापमान बढ़ता है तो इल्ली का प्रकोप हो सकता है और इसके लिए पर्याप्त कीटनाशकों का स्टॉक भी उपलब्ध कराया गया है,हालांकि उनका कहना है कि अभी तक जिले में नुकसान की सूचना कहीं से भी नहीं मिली है।
Hindi News/ Katni / मावठा के बाद बादलों से नुकसान की आशंका