एक स्लीपर्स होगा 310 किलो वजनी रेलवे नए ट्रेकों में अब 275 किलो भार वर्ग की जगह 310 किलो भार वाले स्लीपर्स काम में ले रहा है। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी इस रूट पर अधिकतम 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल रही हैं। स्लीपर बदलने पर रफ्तार बढकऱ 160 किलोमीटर प्रतिघंटे हो सकेगी। जिससे शताब्दी एक्सप्रेस, बंदे भारत और लम्बे रुट की ट्रेनों को फायदा होगा।
भार बढऩे से स्लीपर्स की बढ़ेगी ‘लाइफ’ रेल मार्ग की पटरियों के नीचे बिछे स्लीपर के अधिक वजन के बिछाने का निर्णय से रेलवे को फायदा होगा। बार-बार स्पीपर्स नहीं बदलने पड़ेंगे। साथ ही अधिक लोडिंग की मालगाडिय़ों को ट्रेक आसानी से भार उठा सकेगा और बेहतर सस्पेंशन मिलेगा। वजन अधिक होने से बार-बार क्रेक होने की घटनाओं पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा।
आगरा-झांसी अप रेलवे लाइन के स्लीपर बदले जा रहे हंै। जिससे उनके स्थान पर नए स्लीपर को लगाया जा रहा है। जिससे ट्रेनों की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके लिए काम शुरू हो गया है।
- दिगम्बर सिंह, सहायक अभियंता, रेलवे धौलपुर
विद्युत निगम की लापरवाही: 24 घंटे बाद बदला खराब ट्रांसफार्मर बाड़ी शहर में होने वाली विद्युत कटौती के कारण जन मानस का बुरा हाल है। विद्युत निगम की ओर से कई घंटों की कटौती की जा रही है। गर्मी के तेवर तीखे होने के चलते नागरिकों को विद्युत कटौती अखरने लगी है। जिसके चलते लोगों के व्यापार तो प्रभावित हो ही रहे हैं साथ ही लोग बीमार भी हो रहे हैं। जब कटौती के बारे में विद्युत विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को फोन लगाया जाता है तो वह फोन नहीं उठाते।
शहर में विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। आए दिन घंटों-घंटों की कटौती की जा रही है। जैसे-जैसे गर्मी अपना असर दिखा रही है। वैसे-वैसे विद्युत कटौती बढ़ती जा रही है। हालात यह है दोपहर में भी घण्टों तक बिजली कटौती की जा रही है। कटौती की जानकारी भी विद्युत निगम की ओर से पहले नहीं दी जा रही। जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। ऐसी भीषण गर्मी और ऊपर से विद्युत विभाग द्वारा की जा रही घंटों की कटौती लोगों को हालाकान कर रही है। जब नागरिक इसकी शिकायत लेकर विद्युत विभाग के ऑफिस जाते हैं तो उनकी सुनने वाला कोई नहीं होता। कई कर्मचारी तो नागरिकों से अभद्रता के साथ बात करते हैं।