नई दिल्ली। सिक्किम सेक्टर में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अभी भी जारी है, लेकिन इस बार भारत चीन की दादागीरी को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सीमा पर भारतीय सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं। विवादित इलाके के पास मौजूद सेना के ठिकानों पर हल्के टैंक और गोला बारूद पहुंचाए जा रहे हैं। इसका मकसद विवादित इलाकों में सेना की स्थिति को और मजबूत करना है।
भारत को दबाव में लाने के लिए चीन तिब्बत में लगातार सैन्य गतिविधियां कर रहा है, ऐसे में भारतीय सेना भी तिब्बत और भूटान में चीन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर भारतीय सेना विवादित इलाके में जवानों की संख्या बढ़ा सकती है। ताकि सीमा पर चीन की चाल का नाकाम बनाया जा सके।
रक्षा मंत्री ने संसद को दिलाया भरोसा
वहीं रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने संसद को भरोसा दिलाया है कि भारत के सशस्त्र बल देश की संप्रभुता की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। इसके साथ ही सेना के पास सभी जरूरी उपकरण हैं। वहीं कैग की रिपोर्ट पर जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कैग ने 2013 में इस संबंध में रिपोर्ट पेश की थी और हाल ही की रिपोर्ट भी उसी संदर्भ में है। सेना के पास प्रयुक्त गोला बारूद है। ऐसे में देश की ओर नजर उठाने वाले दुश्मन को कड़ा जवाब दिया जाएगा।
चीन के दौरे पर जाएंगे डोभाल
वहीं सीमा विवाद के बीच ब्रिक्स देशों की बैठक में हिस्सा लेने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 27 जुलाई को चीन जाएंगे। हालांकि चीन ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक भारत सेना नहीं हटाता तब तक कोई बात नहीं होगी।