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भोपाल

MP असेंबली में GST बिल पास, रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगेगा 18% टैक्स

सदन के अंत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विधायकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर समर्थन के लिए सभी का धन्यवाद। 

भोपालAug 24, 2016 / 05:11 pm

Anwar Khan

mp assembly

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भोपाल। गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश में भी बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बिल पास हो गया है। बुधवार को मप्र में विधानसभा का एक दिनी विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें जीएसटी बिल पर चर्चा के बाद सदन ने इसे बहुमत से पास कर दिया। अब ये बिल राज्य में लागू करने की तैयारी शुरू हो जाएगी।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण प्रदेश के आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ जाएगा। इसमें लक्जरी वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। जबकि, रोजमर्रा की चीजें महंगी होगी। इसमें रोजमर्रा की वस्तुओं पर औसत 18 फीसदी तक का टैक्स हो जाएगा, जो अभी आठ प्रतिशत तक है। इसका सीधा असर आम आदमी के घर के बजट पर पड़ेगा।

केंद्र और राज्य में टकराहट बढ़ने की शंका
मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिनी सत्र बुधवार को सुबह 11 बजे शुरू हुआ। सबसे पहले सदन ने दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो जीएसटी बिल का प्रस्ताव राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने सदन के पटल पर रखा। 




सदन के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने जीएसटी को लाभकारी बताते हुआ ये शंका जताई कि कहीं इस बिल के कारण राज्य और केंद्र सरकार में टकराहट न बढ़ जाए। जीएसटी बिल के अंतर्गत बनने वाली काउंसिल कहीं दंत विहीन शेर न बन जाए, इसलिए इसे संविधान के मुताबिक अधिकार दिए जाएं। जीएसटी को लेकर आयोजित इस सत्र में मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव भी पहुंचे थे।




कांग्रेस ने किया समर्थन
गौरतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के आलाकमान नेताओं ने जीएसटी बिल का समर्थन किया था, इसलिए मप्र विधानसभा में भी कांग्रेस का रुख वैसा ही रहा। कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने सदन में कहा कि नए टैक्स सिस्टम से मप्र को लाभ होगा। विधाकय जयवद्र्धन सिंह ने कहा कि नई व्यवस्था से बीज पर टैक्स लगेगा। इससे किसानों को नुकसान होगा। केंद्र सरकार इससे बचने के उपाय भी सुझाए।




कांग्रेस ने दी सलाह
जयवर्धन सिंह ने कहा कि जीएसटी बिल को लेकर केंद्र की तर्ज पर मप्र में भी काउंसिल बने, जिससे ये तय हो सके कि सेंट्रल काउंसिल में राज्य की ओर से क्या प्रस्ताव रखे जाएं? कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह, हिना कावरे, दिनेश राय मुनमुन, जीतू पटवारी, राम निवास रावत आदि ने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि पेट्रोल-डीजल को भी जीएसटी के दायरे में रखा जाए, ताकि पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के दाम एक जैसे हों। 




और बिल हो गया पास
सदन में रकीब दो घंटे की चर्चा के बाद मप्र विधानसभा में जीएसटी बिल बहुमत के साथ पास कर दिया गया। सदन में भाजपा के लगभग सभी विधायक मौजूद थे। वहीं सदन में भाजपा का बहुमत है, इसलिए बिल आसानी से पास हो गया।

शिवराज ने जताया आभार
सदन के अंत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विधायकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर समर्थन के लिए सभी का धन्यवाद। देश के राजनीतिक एकीकरण का श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है। जीएसटी बिल देश के आर्थिक एकीकरण का उदाहरण है। पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व वित्त मंत्री सभी ने इस पर सहमति दी थी। मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी आभार करता हूं। भाजपा ने जीएसटी का कभी भी विरोध नहीं किया। हालांकि पहले जो बिल था, उसके कुछ प्रावधानों पर हमें आपत्ति थी। अब ये बिल पूर्ण सहमति से बना है। अब राज्यों को केंद्रीय करों का ज्यादा हिस्सा मिलेगा।

इनका कहां है
जीएसटी से गरीब व मध्यमवर्गीय लोगों को नुकसान होगा। जबकि, लक्जरी लाइफ स्टाइल वाले फायदे में रहेंगे। प्रदेश में अधिकतर गरीब व मध्यमवर्गीय है इसलिए, जनता के लिए यह नुकसानदायक ही रहेगा, पर प्रदेश का इससे विकास होगा। क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर सहित निवेश बहुत आएगा। जीएसटी आने की बात 2003 में शुरू हुई थी, तब अधिकतम जीएसटी 16 प्रतिशत होता, लेकिन अब यह औसत 18 प्रतिशत तक जाएगा। इससे भी मध्यप्रदेश के आम आदमी को नुकसान है, लेकिन समग्र रूप से प्रदेश को फायदा होना है।
– राजेंद्र कोठारी, आर्थिक विश्लेषक
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