भोपाल। बसंत प्रताप सिंह (बीपी सिंह) मध्यप्रदेश के नए चीफ सेक्रेटरी होंगे। 1984 बैच के आईएएस सिंह मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वे दर्शनशास्त्र में पीएचडी हैं और वन, उच्च शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति समेत अन्य विभागों में प्रमुख सचिव रह चुके हैं। एक नवंबर से सिंह मध्यप्रदेश का काम संभालेंगे। बीपी सिंह का जन्म 1 जुलाई 1958 को हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। बुधवार को खत्म हुई दो दिनी कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में बीपी सिंह ने राज्य शासन के विकास का 11 सूत्रीय एजेंडा पेश किया था।
सिंह की प्रथम पदस्थापना जून 1985 में सहायक कलेक्टर बिलासपुर हुई। सिंह एसडीओ सीहोरा तथा धर्मजयगढ़ रहने के साथ-साथ अतिरिक्त कलेक्टर बैकुंठपुर भी रहे। जिला कलेक्टर के रूप में सिंह ने पन्ना, दुर्ग तथा ग्वालियर की कमान भी संभाली। उन्होंने नौकरी के दौरान ही लंदन से चेंज मैनेजमेंट तथा क्वांटिटेटिव मैथड्स एंड ऑपरेशन रिसर्च फॉर पब्लिक विषय पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट बैंगलोर से प्रशिक्षण प्राप्त किया।
मैंने सोचा नहीं था मुख्य सचिव बनूंगा: बीपी सिंह
’22-23 साल की उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा में आने वाले अधिकारी ही आमतौर पर मुख्य सचिव के पद तक पहुंच पाते हैं। मैं तो 26 साल की उम्र में इस सेवा में आया। सोचा भी नहीं था कि मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव बनने का मौका मिलेगा। सरकार ने इस योग्य समझा है तो प्रदेश की कसौटी पर पूरा खरा उतरने का प्रयास करूंगा। बीते कुछ साल में प्रदेश में बेहतर काम हुए। इसके चलते प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर आया। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए भी अनेक उपाय किए गए। वर्तमान में ज्यादातर योजनाओं में भुगतान ऑनलाइन होने से इसमें कमी आई है। जहां तक तंत्र में कसावट लाने की बात तो यह प्रयास पहले भी होते रहे हैं और आगे भी जारी रहेगें। किसी नवाचार के बारे में पूछे जाने पर श्री सिंह ने कहा कि वह मौजूदा मुख्य सचिव के कायज़्काल में शुरु किए गए कामों को ही आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव द्वारा की जाने वाली जनसुनवाई आगे भी जारी रहेगी।
– बीपी सिंह, नए चीफ सेक्रेटरी (एक इंटरव्यू में)
30वें मुख्य सचिव होंगे सिंह
मध्यप्रदेश में जिन अधिकारियों ने मुख्य सचिव का जिम्मा सम्हाला है उनमें एचएस कामथ, आर.पी. नरोन्हा, एम.पी. श्रीवास्तव, आर.पी. नायक, आर.पी. नरोन्हा, एम.एस. चौधरी, एस.सी. वर्मा, के.एल. पसरीचा, बी.के. दुबे, जी.जगतपति, बीरबल, ब्रम्हस्वरुप, के.सी. एस. आचार्य, एम.एस. सिंहदेव, आर.एन. चोपड़ा, आर.एस. खन्ना, आर.पी. कपूर, निर्मला बुच, एन. एस.सेठी, एस.सी. बेहार, के.एस. शर्मा, पी.के. मल्होत्रा, ए.वी. सिंह, बी.के. साहा, विजय सिंह, आर.सी. साहनी, अवनि वैश, आर. परशुराम एवं अन्टोनी डिसा शामिल हैं।