भोपाल। मध्यप्रदेश के 6.5 लाख सरकारी कर्मचारियों और करीब 3 लाख पेंशनर्स को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए साल का तोहफा दिया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए 7 फीसदी डीए (महंगाई भत्ता) को मंजूरी दे दी।
इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों को अब 132 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। इसी साल 1 जून को हुई कैबिनेट में 6 फीसदी महंगाई भत्ते को मंजूरी दी गई थी।
सरकार पर: सरकार के इस फैसले से राजकोष पर एक हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढऩे का अनुमान है। कमज़्चारियों को बढ़ा हुआ डीए 1 जुलाई 2016 से दिया जाएगा। ये राशि एरियर के माध्यम से मिलेगी। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार राज्य के आईएएस अफसरों को डीए बढ़ाकर देने का ऐलान एक सप्ताह पहले ही कर चुकी है।
शिवराज पर: सरकार के इस कदम के राजनीतिक मायने भी हैं। सरकार किसी भी हाल में कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती और वेतनमान का लाभ तत्काल देने से कर्मचारी हितैषी होने की छवि और भी मजबूत होगी। केंद्र के साथ ही वेतनमान देने से सरकार पर एरियर देने का बोझ भी नहीं रहेगा।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कैबिनेट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने सरकार से मांग की कि एक जुलाई से दिसबर तक छह माह का महंगाई भत्ता एरियर के रूप में नकद भुगतान करें। वहीं राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने डीए के फैसले का स्वागत किया।
यह पहली बार होगा कि कर्मचारियों अथवा पेंशनरों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। छठवें वेतनमान का लाभ राज्य के कर्मचारियों को 2009 में मिला था। एरियर पांच किस्तों में दिए गए थे। इसी तरह तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समय पांचवें वेतनमान के एरियर्स कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में डाल दिए गए थे, जबकि शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने की परंपरा आरंभ कर दी गई है।