भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जमा ब्लैक मनी को बाहर निकालने के लिए 500-1000 रुपए के नोट बंद करने का फैसला लिया। इस फैसले से कई विपक्षी दल तो परेशान हैं ही, मध्यप्रदेश सरकार के भी एक अफसर ने इस फैसले का खुलकर विरोध शुरू कर दिया है। मप्र सरकार में उपसंचालक के पद पर पदस्थ और हज कमेटी के सीईओ दाऊद खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कालेधन पर अंकुश के लिए 1000 और 500 के नोट बंद करने के फैसले पर सवाल उठाया है।
सोशल मीडिया पर उन्होंने पूछा, 50 दिनों में 40 लाख करोड़ का नुकसान होगा, जबकि इतना तो कालाधन देश में नहीं होगा। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि सीबीआई, आयकर, लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू से लेकर तमाम जांच एजेंसियों को क्यों ना बंद कर देना चाहिए?
नोटबंदी पर सोशल मीडिया पर घमासान जारी है पर अफसर बच रहे हैं। दाऊद ने शुक्रवार रात फेसबुक पर को दो पोस्ट डाले हैं, जिनसे विवाद हो सकता है। उन्होंने रात 9 बजे पहली पोस्ट में कालाधन, फर्जी मुद्रा, आतंकवाद के कारण 500 और एक हजार के नोट बंद होने की बात लिखी। इसके आगे लिखा है कि इसके व्यवहारिक दृष्टिकोण को समझ लिया जाए। पोस्ट के आखिर में उन्होंने लिखा कि मूर्खतापूर्ण और अनियोजित कार्य कर रोना ही पड़ता है, सुना है नोटबंदी बाद श्रीमान प्रधानमंत्रीजी।
दाऊद ने दूसरी बार लिखा ये पोस्ट
दाऊद ने शुक्रवार रात 11:49 बजे दूसरी पोस्ट में लिखा, मेरे हिसाब से नहीं बल्कि व्यापार और सेवाओं से हर रोज देश को 80 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। मतलब 50 दिनों में 40 लाख करोड़ नुकसान। इतना तो कालाधन भी नहीं था देश में.! इसके आगे लिखा गया है कि अजहर मिर्जा पूछना चाहते हैं…ये कैसा अर्थशास्त्र?
इनका कहना है…
नोटबंदी पर कुछ लोगों के लिखने पर बुरा लगा तो मैंने किसी की ये पोस्ट डाली कि ऐसा भी लिखते हैं। इस पर आपत्ति आई तो पोस्ट को हटा दिया। सरकार का फैसला अच्छा है। अभी बुरा लग रहा है, लेकिन यह देशहित में है।
– दाऊद खान, उपसंचालक और सीईओ, हज कमेटी
केंद्र को चुनौती
कालाधन : यदि किसी के पास 10-15 करोड़ हैं तो वह बमुश्किल एक करोड़ नगद रखेगा। ऐसे सज्जन मूर्ख नहीं, जो 1 करोड़ जमाकर 10 लाख सफेद करें।
निष्कर्ष: फायदा शून्य, कालाधन नष्ट।
नकली मुद्रा : देश में 10 लाख में मात्र 250 रु. की नकली मुद्रा है। जरा सी नकली मुद्रा हेतु 15 लाख करोड़ की मुद्रा बंद करना कहां की अक्लमंदी है। नकली मुद्रा वाले तो नई मुद्रा भी छापने लगेंगे।
निष्कर्ष : अपने गलत निर्णय पर जनता को बरगलाना।
आतंकवाद : कहते हैं आतंकियों के 500-1000 के नोट पानी हो गए। कितने आतंकी थे श्रीमान। लाख, पांच लाख बस और 100 करोड़ लोग परेशान। वाह!
निष्कर्ष : हर गलत निर्णय पाकिस्तान से जोड़ दो काम खत्म।