शैलेंद्र चौहान @ भोपाल. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की सार्वजनिक आपत्ति के बाद राज्य सरकार ने पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की संभावनाओं पर मंथन शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में यह मुद्दा सामने आया था कि मप्र में पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक टैक्स है। चूंकि यह जीएसटी में शामिल नहीं है, इसलिए अगले साल अप्रैल में जीएसटी लागू होने के समय उद्योगपतियों, व्यापारियों व निवेशकों के लिए परेशानी का कारण बनेगा। लोग कारोबार के लिए आने से झिझकेंगे।
इसे महसूस करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने मप्र और अन्य सभी राज्यों को पेट्रोल-डीजल की जीएसटी के दायरे में लाने की कहा था।
उन्होंने मप्र को टैक्स कम करने को भी कहा था। इसी दिशा में संभावनाएं और प्रस्तावित स्वरूप के निर्धारण का जिम्मा मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री जयंत मलैया को दिया है।
इनका कहना है..
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने पर कोई फैसला नहीं लिया है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने सुझाव दिया था। हम सभी पहलुओं को दिखवा रहे हैं, जिससे जनता को ज्यादा राहत मिल सकें। अभी किसी फैसले में समय लग सकता है।
– जयंत मलैया, वित्त मंत्री