सोना ऐसे बनेगा हमारी ताकत
800 से 1000 टन सोना हर साल आयात करता है भारत यानी हर साल करीब 3 लाख करोड़ रुपए का भारी बोझ
20 हजार टन सोना भारत में पड़ा हुआ है निष्क्रिय यानी 60 लाख करोड़ रुपए की पूंजी बिना उपयोग पड़ी है
भारत पर पडऩे वाले 3 लाख करोड़ रुपए के बोझ को कम करके और देश में सोने के रूप में निष्क्रिय पड़ी पूंजी का इस्तेमाल कर भारत अपनी अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकता है।
इतना सोना आया अब तक
2,981 किलो सोने का अब तक मौद्रिकरण किया जा चुका है स्वर्ण मौद्रिकरण योजना के तहत
1,584 किलो सोना 22 मंदिर ट्रस्टों ने इस योजना के तहत सरकार के पास जमा कराया है
1,311 किलो सोना अकेले तिरूमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट ने पीएनबी में जमा कराया है
धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, हमें उम्मीद के मुताबिक रिस्पांस भले ही न मिला हो, लेकिन दोनों ही योजनाएं धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं। लोगों को लगने लगा है कि इन योजनाओं से उन्हें लाभ ही हो रहा है।
सोने पर कुछ ज्यादा ही भावुक हो जाते हैं हम
एक आम भारतीय परिवार के घरेलू बजट में सोने की हिस्सेदारी 8 फीसदी होती है। यह शिक्षा और स्वास्थ्य पर किए जाने वाले खर्च से मामूली ही कम है ।
77 फीसदी भारतीय किसी भी परिस्थिति में सोना खरीदते ही खरीदते हैं
50 फीसदी इनमें से ऐसे हैं, जो पिछले साल से ज्यादा सोना खरीदते हैं
70 फीसदी भारतीय सोने को सुरक्षित निवेश मान कर सोना खरीदते हैं
53 फीसदी भारतीय आभूषण के तौर पर सोने की खरीदारी करते हैं
50 फीसदी सोने को सुरक्षित निवेश और आभूषण दोनों तौर पर खरीदते हैं