सूत्रों ने बताया कि चीन की मैसर्स थर्ड रेलवे सर्वे एंड डिजायन इंस्टीट््यूट ग्रुप कारपोरेशन और लाहमेयर इंटरनेशनल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के कंसोशियम को दिल्ली-मुंबई मार्ग के अध्ययन का काम सौंपा गया है। मैसर्स सिस्ट्रा (फ्रांस), राइट्स और अन्र्स्ट एंड यंग एलएलपी के कंर्सोशियम को मुंबई-चेन्नई मार्ग के अध्ययन का काम दिया गया है।
मैसर्स इनेको (स्पेन) मैसर्स टिप्सा और मैसर्स इंटरकांटिनेंटल कन्सल्टेंट्स एंड टैक्नोक्रेट््स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्शियम को दिल्ली-कोलकाता मार्ग के अध्ययन का जिम्मा सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार इसके लिये भारतीय हाईस्पीड रेलवे कारपोरेशन ने मार्च में टेंडर आमंत्रित किए थे तथा 17 सितंबर को इन निविदाओं पर फैसला किया गया।
अध्ययन का काम अगले माह शुरू हो जाएगा और इसके लिए उन्हें एक साल का समय दिया गया है। यानि 31 अक्टूबर तक तीनों कंसोर्शियम को रिपोर्ट देनी होगी। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछले साल हुई भारत यात्रा के दौरान दिल्ली-चेन्नई मार्ग पर हाईस्पीड रेलमार्ग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का काम चीन की सियुआन सर्वे एंड डिकाायन ग्रुप कंपनी लिमिटेड को दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार इस मार्ग पर दिल्ली-नागपुर और नागपुर-चेन्नई के बीच दो खंडों में काम चल रहा है। सूत्रों ने बताया कि इन तीन नए मार्गो के लिए ये कंसोशियम पर्यावरण प्रभाव, भूगर्भीय सर्वेक्षण, कामीन का अधिग्रहण, विस्थापन एवं पुनर्वास, आर्थिक लाभ विश्लेषण, लागत लाभ विश्लेषण, वित्तीय विश्लेषण, तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन, सूध मिलाने, यातायात सर्वेक्षण, भावी योजना बनाने, रोलिंग स्टॉक और सिगनलिंग प्रणाली का पूरा अध्ययन करेगें।
अध्ययन की लागत के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि बजट में हीरक चतुर्भुज परियोजना के अध्ययन के लिए 40 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इन तीनों में एक मार्ग पर चार से पांच करोड़ रूपए के व्यय होने का अनुमान है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर हाईस्पीड रेल कॉरिडोर पर व्यवहार्यता अध्ययन मैसर्स सिस्का ही कर रही है और उसका काम पूरा होने वाला है। उसकी रिपोर्ट तीन माह के अंदर रेलवे को मिल जाने की पूरी संभावना है।
दिल्ली-आगरा-लखनऊ-वाराणसी-पटना हाईस्पीड कॉरिडोर के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने संकेत दिए कि उस मार्ग पर फिलहाल कोई प्रगति नहीं है। देश में 350 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाली हाई स्पीड रेलवे की नौ परियोजनाएं स्वीकृत हैं जिनमें से एक मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर परियोजना के क्रियान्वयन की दिशा में काम शुरू हो गया है, जबकि पांच अन्य पर अध्ययन शुरू हो चुका है। मुंबई-कोलकाता, क ोलकाता-चेन्नई और दिल्ली-आगरा-लखनऊ-वाराणसी-पटना हाईस्पीड कॉरिडोरों पर काम शुरू होना बाकी है।