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समुद्री भोजन घटाए अल्जाइमर का खतरा

इस शोध के दौरान वृद्ध प्रतिभागियों पर कई वर्षों तक आहार संबंधी वार्षिक सर्वेक्षण किए गए

Feb 03, 2016 / 10:46 pm

जमील खान

Alzheimer

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वॉशिंगटन। सप्ताह में कम से कम एक बार समुद्री व्यंजनों का सेवन एक खास जीन वाले लोगों में वृद्धावस्था में अल्जाइमर को खतरे को कम कर सकता है। अमेरिकी रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। शोधकर्ताओं के अनुसार हालांकि सप्ताह में एक बार मछली का सेवन करने वाले ऐसे वृद्धों, जिनमें यह खास जीन ‘एपीओई4’ नहीं पाई जाती, में ऐसा कोई लाभ नहीं पाया गया। यह ‘एपीओई4’ ( अपोलीपोप्रोटीन) जीन अल्जाइमर रोग के लिए प्रमुख ज्ञात आनुवंशिक जोखिम कारक है।

रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधार्थियों ने मस्तिष्क में मर्करी के स्तर की भी जांच की, जो समुद्री भोजन में प्रमुख तौर पर पाया जाता है तथा मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए हानिकारक होता है। उन्होंने पाया कि समुद्री भोजन का सेवन
मस्तिष्क में मर्करी का स्तर बढ़ा देता है लेकिन बीटा एम्लाइड प्रोटीन प्लेक्स और टाउ प्रोटीन टैंगल्स का स्तर नहीं बढ़ाता, जो अल्जाइमर रोग की पहचान हैं।

यह निष्कर्ष मेडिकल सेंटर द्वारा किए स्मृति एवं वृद्धता पर किए जा रहे एक शोध के दौरान जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है। इस शोध के दौरान वृद्ध प्रतिभागियों पर कई वर्षों तक आहार संबंधी वार्षिक सर्वेक्षण किए गए। इस अध्ययन की शुरुआत में अधिकतर प्रतिभागियों का मानसिक स्वास्थ्य सामान्य था लेकिन शोध के आखिर तक आते-आते कुछ प्रतिभागियों में स्मृति क्षय और डिमेंशिया के लक्ष्य पनप गए थे। शोध में शामिल रोगग्रस्त 286 प्रतिभागियों की औसत आयु 89.9 वर्ष थी।

कनाडा की लावाल यूनिवर्सिटी से एडलट्रॉट क्रॉगर और रॉबर्ट लार्फोस ने बताया, यह शायद पहला अध्ययन होगा जो यह बताता है कि अल्जाइमर या डिमेंशिया का मस्तिष्क में मर्करी के स्तर से कोई संबंध नहीं है। इसलिए समुद्री भोजन में पाए जाने वाले मर्करी की चिंता किए बगैर समुद्री भोजन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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