इस बार ज्योतिष और पंचांग के फेर में सारे त्यौहार गडबड़ हो रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार मलमास आने के कारण त्यौहारों की तिथियां आगे-पीछे हो रही हैं। इसकी शुरुआत श्राद्ध पक्ष से ही हो चुकी है जहां एक ही दिन दो तिथियों का श्राद्ध होने के चलते श्राद्ध 15 दिन के ही हैं। वहीं दूसरी ओर नवरात्र में एक ही तिथि दो दिन रहने से नवरात्र दस दिन के हो गए हैं। ऐसा ही इस बार शरद पूर्णिमा के साथ हो रहा है। इस बार पूर्णिमा तिथि 15 और 16 अक्टूबर दो दिन रहेगी।
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इसलिए हो रहा है ऐसाहिंदू ज्योतिष के अनुसार हर तीन साल में मलमास लगता है। इसके कारण हर तीन साल में पडऩे वाले तीज-त्यौहार की तिथियां गड़बड़ा जाती हैं और त्यौहार 15 दिन आगे सरक जाते हैं। इस साल भी मलमास की स्थिति आने के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
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ये भी पढ़ेः इन 13 उपायों में से करें कोई भी एक, तुरंत दिखेगा असर और खुल जाएगी किस्मत16 दिन के श्राद्ध रह गए केवल 15 दिन केश्राद्ध पक्ष पखवाड़ा 16 दिन का होता है, जिसमें पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक 15 दिन अलग-अलग तिथियों पर श्राद्धकर्म किए जाते हैं। 16वें दिन सर्वपितृमोक्ष अमावस्या होती है, लेकिन इस बार अमावस्या 15वें दिन ही रहेगी। इस बार 24 सितंबर को अष्टमी और नवमी तिथि एक साथ पडऩे के कारण ऐसा हो रहा है।
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16 साल बाद आएं 10 दिन के नवरात्रपं.सतीश सोनी के मुताबिक वैसे तो नवरात्र नौ दिनों के होते हैं पर कभी-कभी तिथि घटती-बढ़ती भी है। नवरात्र के दिन जब-जब बढ़ते हैं तब-तब उसे शुभ माना जाता है। यह सुख, शांति व समृद्धि का सूचक है। 10 दिन की नवरात्र 2000 के बाद अब पड़ रही है। इस बार शारदीय नवरात्र में शक्ति की आराधना 10 दिनों तक होगी। देवी मां के नवरात्र 1 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 10 अक्टूबर तक रहेंगे। 2 और 3 अक्टूबर को द्वितीया तिथि रहने के कारण ऐसा हो रहा है।
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शरद पूर्णिमा में भी होगी गड़बड़इस बार शरद पूर्णिमा के पर्व को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दरअसल पूर्णिमा तिथि 15 और 16 अक्टूबर दो दिन रहेगी। पूर्णिमा तिथि 15 अक्टूबर को दोपहर में आएगी और अगले दिन सूर्योदय के बाद तक मौजूद रहेगी। पूर्णिमा का व्रत रात्रिकालीन होता है, इसलिए शरद पूर्णिमा 15 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। 16 को स्नानदान पूर्णिमा होगी।
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