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संकट में अखिलेश सरकार, विधायकों के साथ करेंगे मीटिंग 

सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

Dec 31, 2016 / 01:14 am

ललित fulara

samajwadi party

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नई दिल्ली। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अखिलेश यादव पर गुटबाजी करने का आरोप लगाया गया है। अखिलेश की निष्कासन के बाद उत्तर प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। अब अखिलेश की सरकार अल्पमत में है। इस घटनाक्रम के साथ पिछले दो महीने से जारी कलह की वजह से समाजवादी पार्टी दो फाड़ हो गई। अब मैदान में चाचा शिवपाल की जगह पिता-पुत्र आमने सामने हैं। एबीपी की एक रिपोर्ट् के मुताबिक मुलायम सिंह यादव सरकार बनाने के लिए समाजवादी पार्टी की ओर से दावा कर सकते हैं। Patrika.com अपने रीडर्स को शुक्रवार के हर बड़े अपडेट और मौजूदा सियासी हलचल के बैकग्राउंड की जानकारी दे रहा है। अखिलेश के निष्कासन की खबर के बाद उनके घर के सामने कार्यकर्ताओं का हुजूम जुट गया। उनके पक्ष में जमकर नारेबाजी की गई।


अखिलेश ने शिवपाल के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ाने को कहा 

यूपी के डीजीपी जाविद अहमद देर शाम अखिलेश से मिलने उनके घर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक़ इस दौरान मुखमंत्री ने पिटा मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव के घर के बाहर सुरक्षा मुस्तैद करने का निर्देश दिया। 

अखिलेश कर रहे हैं मुलायम के अगले कदम का इंतज़ार 

अखिलेश यादव भी रविवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। कहा जा रहा है कि पार्टी विधायकों के साथ मीटिंग कर वे आगे की योजना का खुलासा करें। वे अभी मुलायम के अगले कदम का इंतज़ार कर रहे हैं। 

मुलायम के घर के अंदर मीटिंग 

मुलायम के घर के अंदर मीटिंग हो रही है। इसमें शिवपाल समेत अखिलेश विरोधी खेमा के नेता शामिल हैं। कहा जा रहा है कि मीटिंग के बाद पार्टी की ओर से अखिलेश को सीएम पद से हटाने की घोषणा की जा सकती है। उनकी जगह नेताजी मुलायम खुद दावेदारी कर सकते हैं। 

गवर्नर ने कहा- संवेधानिक संकट नहीं 

उधर, घटनाक्रम को लेकर राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि यूपी में किसी तरह का संवेधानिक संकट नहीं है। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक़ वे हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

अखिलेश के समर्थक सड़क पर, फाड़े शिवपाल के पोस्टर 

भारी संख्या में अखिलेश के समर्थक सड़क पर उतर गए हैं। कार्यकर्ता उनके पक्ष में नारेबाजी कर रहे हैं। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने शिवपाल के खिलाफ नारेबाजी कर उनके पोस्टर फाड़े। 

कांग्रेस ने आतंरिक मामला बताया, बीजेपी ने परिवार केन्द्रित पार्टी

कांग्रेस और जेडीयू ने इसे आतंरिक मामला बताते हुए कमेंट करने से इनकार कर दिया। बीजेपी ने कहा कि यह परिवार केंद्रित पार्टी है और अब परिवार टूट गया है। पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट केशव प्रसाद मौर्य ने इसे सुनियोजित ड्रामा करार दिया। जबकि बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव से इस्तीफा मांगा है।

समर्थकों से मिले अखिलेश 

अखिलेश घर से बाहर निकलते वक्त समर्थकों से मिले। उन्होंने सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की मांग की। उधर, इस बीच समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने अखिलेश के निष्कासन से नाराज होकर पद से इस्तीफा दे दिया। कहा जा रहा है कि वे अखिलेश यादव खेमे की हैं। 

 

अब तक क्या हुआ ….

#1) सपा ने जारी की लिस्ट, अखिलेश के समर्थकों के टिकट काटे 
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुलायम सिंह ने शिवपाल की मौजूदगी में 178 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। नेताजी ने यह भी साफ़ कर दिया था कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का नाम अनाउंस नहीं होगा। टिकट पाने वाले ज्यादातर शिवपाल के समर्थक थे। उनके साथ शिवपाल यादव भी मौजूद थे। मुलायम ने यह भी साफ़ किया कि किसी दल के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा।

#2) अखिलेश नाराज 
बुधवार को सपा चीफ के टिकट बंटवारे से अखिलेश नाराज हुए। उन्होंने कहा कि वे नेताजी से मिलकर बात करेंगे। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि वे अपने उम्मीदवारों को चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उतारेंगे। अखिलेश ने जवाबी कार्रवाई करते हुए शिवपाल के करीबी आवास विकास परिषद् की उपाध्यक्ष सुरभि शुक्ला और उनके पति डॉक्‍टर संदीप शुक्ला को बर्खास्‍त कर दिया। संदीप शुक्‍ला यूपी राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) में सलाहकार थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार सुलतानपुर से उन्हें टिकट भी दिया जा रहा है। 

 


अखिलेश पार्टी से निकाले जा चुके हैं। सपा राज्यपाल से मिलकर अखिलेश को हटाने की मांग कर सकती है। हालांकि अखिलेश सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल से वक्त मांग सकते हैं। इस वक्त सपा के 229 विधायक हैं। अखिलेश को बहुमत के लिए 203 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। उन्हें कांग्रेस और रालोद की मदद मिल सकती है। 

#3) समर्थक विधायक मंत्रियों के साथ की मीटिंग 
गुरुवार को अखिलेश ने समर्थक विधायक मंत्रियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान उन विधायकों मंत्रियों ने जमकर भड़ास निकाली जिनके टिकट कटे थे। सभी ने एक स्वर में अखिलेश से कड़ा कदम उठाने को कहा। अखिलेश मुलायम से भी मिले। इस दौरान शिवापाल भी मौजूद थे। करीब एक घंटे तक तीनों में बात हुई, लेकिन कुछ तय नहीं हो पाया। 

#4) अखिलेश ने जारी की लिस्ट 
गुरुवार को ही अखिलेश ने देरशाम अपने 203 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। इसमें अतीक अहमद, मुलायम की छोटी बहू और मुख्तार अंसारी के भाई का नाम नहीं था। लिस्ट में उन नामों को शामिल नहीं किया गया जिस पर अखिलेश आपत्ति दर्ज करवा चुके थे। अखिलेश द्वारा कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी करने के कुछ देर बाद शिवपाल ने मुलायम से मीटिंग की और देर रात 68 और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी।

#5) और निष्कासित हुए अखिलेश-राम गोपाल 
शुक्रवार को मुलायम सिंह ने शिवपाल की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी से बाहर कर दिया। इस निष्कासन पर सवाल उठाते हुए रामगोपाल ने असंवेधानिक करार दिया। मुलायम ने अखिलेश को लेकर यह भी कहा कि अब उनका भविष्य खराब कर रहे हैं। 

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