शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रेल-जून की तिमाही में केंद्र सरकार को 1,53,980 रूपए अप्रत्यक्ष कर के रूप में मिले। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी केंद्रीय उत्पाद शुल्क की रही। इसके जरिए 61, 661 करोड़ रूपए मिले, जो पिछले साल इसी तिमाही में महज 34,067 करोड़ थे। सरकार ने खुद माना कि पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाए उत्पाद शुल्क की वजह से कर संग्रह बढ़ा है। पिछले साल नवंबर से इस साल जनवरी तक केंद्र ने तीन बार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5.75 रूपए प्रति लीटर और डीजल पर 4.50 रूपए प्रति लीटर बढ़ोतरी की थी।
20 हजार करोड़ लिए
सीमा शुल्क में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यदि इसे आधार माना जाए तो उत्पाद शुल्क पिछले साल की इस तिमाही के मुकाबले 6813 रूपए बढ़कर 40,880 करोड़ ही होना चाहिए था। इस प्रकार सरकार ने पेट्रोल-डीजल के जरिए हमारी जेब से 20,781 करोड़ रूपए ज्यादा निकाल लिए।
सभी करों में वृदि्ध (राशि करोड़ों में)
टैक्स :: 2014 :: 2015 :: बढ़ोतरी प्रतिशत में
सेवा कर :: 38852 :: 45239 :: 16.4%
कस्टम ड्यूटी:: 39175::47080 :: 20.2%
उत्पाद शुल्क:: 34067 :: 61661 :: 81.0%
कब कितना बढ़ा उत्पाद शुल्क
दिनांक :: पेट्रोल :: डीजल
12 नवंबर 2014 :: 1.50/ली :: 1.50/ली
2 दिसंबर 2014 :: 2.25/ली :: 1.00/ली
1 जनवरी 2015 :: 2.00/ली :: 2.00/ली
कुल :: 5.75/ली :: 4.50/ली