लखनऊ। ऊंचाहार के इटौरा हत्याकांड मामले से राजनीति में हलचल मच गई है। प्रदेश के बड़े नेता इस पर बयानबजी कर रहे हैं। पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने मामले पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा इटौरा काण्ड में मारे गए पांचों युवक अपराधी हैं। वहां ब्राह्मण नहीं इंसान मारे गए हैं। मारने वाला भी इंसान है। यादव निर्दोष, मैं यादवों के साथ हूँ।
बता दें इससे पहले भाजपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने बयान दिया था कि मारे गए पांचों लोग शूटर थे। गाँव वालों ने हत्यारों को सजा दी है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय ने पूरा खेल रचा है। इससे पहले उन्होंने बयान दिया था कि इस घटना का कुछ जातिवादी सोच वाले लोग विरोध करे हैं। घटना में मरे सभी पांचों शातिर अपराधी थे, वे प्रधान की हत्या के उद्देश्य से गांव में गए थे, जहां ग्रामीणों के कोपभाजन हुए।
मामले पर स्वामी प्रसाद के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री मनोज पांडेय ने कहा कहा कि हत्या पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा ऊंचाहार की घटना पर कोई भी टिप्पणी निंदनीय है। घटना के दो ही पक्ष हैं, हत्यारे और पीड़ित। मृतकों के परिजनों को मुआवजा बढ़ाकर 20 लाख दिया जाए तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
ये था पूरा मामला
रायबरेली के ऊंचाहार में ईद के दिन इटौरा बुजर्ग गांव की प्रधानी को लेकर साजिश चल रही थी। प्रतापगढ़ के रहने वाला पूर्व प्रधान रोहित शुक्ल इटौरा बुजुर्ग से प्रधानी का चुनाव लडऩा चाहता था, प्रधानी के चुनाव को लेकर रोहित की वर्तमान ग्राम प्रधान रामश्री के बेटे राजा यादव उर्फ विजय बहादुर से रंजिश हो गई। रंजिश के चलते में वह अपने छह साथियों के साथ सफारी गाड़ी से प्रधान के घर इटौरा बुजुर्ग गांव के मजरा आप्टा पहुंचा। बताते हैं कि वहां उसके साथियों ने हवाई फायरिंग की और प्रधान के घरवालों को ललकारा। इसी बीच गांव के लोग एकत्रित हो गए और रोहित व उसके साथियों को मारने के लिए दौड़ा लिया। गांव वालों को अपनी ओर आता देख सभी गाड़ी पर सवार होकर हाईवे की ओर भागे लेकिन, रास्ते में ही उनकी कार खंभे से टकराकर पलट गई।
रोहित व बृजेश शुक्ल गाड़ी में ही फंसे रह गए। वहीं अनूप मिश्र, अंकुश मिश्र, नरेश शुक्ल, देवेश शुक्ल व वीरू पांडेय कार से निकलकर भागने लगे। गांव वालों ने अनूप, अंकुश और नरेश को पकड़ लिया और खेत में ही पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने पेट्रोल डालकर गाड़ी में आग लगा दी, जिसमें रोहित व बृजेश जिंदा जल गए। देवेश और वीरू ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।