रायपुर. केंद्रीय कारागार रायपुर के सजायाफ्ता कैदी अब शीघ्र ही एक नई भूमिका अदा करते हुए दिखाई देंगे। वह धोती-कुर्ता पहने हुए संस्कृत में वेदपुराण का पाठ करते नजर आएंगे। इस विधा में उन्हें पारंगत करने के लिए जेल प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई है। उन्हें नियमित रुप से छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम की ओर से कथावाचन, कर्मकांड, वास्तुशास्त्र, आयुर्वेद और श्लोक वाचन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें सिद्धहस्त हो चुके बंदियों से जेल के भीतर होने वाले सभी पूजापाठ और यज्ञ-हवन समेत अन्य कार्य सम्पन्न कराया जा रहा है। जेल मुख्यालय ने उन्हे इस काम के लिए बाहर भेजने की भी योजना बनाई है।
Read more: सरोज पांडेय का बड़ा बयान, मोदी के चेहरे पर होगा 2018 का चुनाव, CM का पता नहीं 175 रुपए दी जाती है छात्रवृति बंदियों की रूची को देखते हुए करीब चार साल पहले जेल परिसर के भीतर ही संस्कृत की विशेष कक्षाओं का शुरुआत की गई। इस समय विगत तीन सालों से लगातार करीब 35 विद्यार्थी नियमित रूप से वैदिक ज्ञान के साथ ही विभिन्न विधाओं की शिक्षा ग्रहण कर रहे है। इसका ज्ञान अर्जित करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए प्रतिमाह 175 रुपए जेल प्रशासन की ओर से छात्रवृति दी जाती है। जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर केंद्रीय जेल देशभर का पहला कारागार है जहां संस्कृत की शिक्षा देने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
Read more: BJP प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को दिया मिशन 2018 के जीत का मंत्र अलग-अलग विधाओं में पारंगत कैदियों को जेल के भीतर संस्कृत भाषा और कर्मकांड का ज्ञान दिलाने के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई गई है। वह 6 अलग-अलग विधाओं में पारंगत भी हो गए है।
केके गुप्ता, डीआईजी, जेल