वाराणसी. महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष, छावनी परिषद के पार्षद व पूर्व उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह को अब 28 महीने बाद एक मामले में एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एनआर) के नोटिस का जवाब देना होगा। एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एनआर) ने नोटिस जारी कर उन्हें अदालत में तलब किया है।
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर 12 मार्च 2015 को वाराणसी में चक्का जाम आन्दोलन हुआ था। उस प्रकरण में कुछ लोगों को चिह्नित कर RPF ने तभी मुकदमा दर्ज किया था। केस में छावनी बोर्ड पार्षद व पूर्व उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह आदि को न्यायिक प्रक्रिया के तहत अदालत ने नोटिस जारी किया गया है।
सिंह का कहना है कि तब अंधरापुल पर सड़क के साथ कुछ देर तक रेल ट्रैक तथा कैंट रेलवे स्टेशन पर रेल इंजन के सामने खड़े होकर रेल चक्का जाम करते हुए भी प्रदर्शन किया गया था। लेकिन इस मामले में सड़क जाम और कैंट रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन का तो कोई संज्ञान प्रशासन ने नहीं लिया पर अंधरापुल पर रेल रोको आंदोलन का खास संज्ञान लेते हुए शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में कुछ प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा कायम किया गया था। छावनी परिषद के पार्षद सिंह के अनुसार परिषद के चुनाव परिणाम के मद्देनजर कुछ लोगों को चिह्नित कर की गई कार्रवाई के विरोध में वह प्रदर्शन हुआ था।