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जन्माष्टमी पर पूजा का ये हैं शुभ मुहूर्त, मनोरथ पूरे करने के लिए ऐसे करें पूजा

जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त तथा पूजा विधि इस प्रकार हैं

Aug 24, 2016 / 02:11 pm

सुनील शर्मा

janmashtami utsav

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जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है व विशेष पूजा भी की जाती है। इस व्रत को करने से मृत्यु उपरांत बैकुंठ प्राप्त होता है। यदि किसी अन्य कामना के लिए इस व्रत को किया जाए तो वह इच्छा भी अवश्य ही पूर्ण होती है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेंगे

जन्माष्टमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
शाम 06:45 से रात 08:15 बजे तक – अमृत
रात 08:15 से 09:45 बजे तक – चर
मध्य रात्रि पूजा- 12:10 से 12:40 बजे तक – लाभ

ये है जन्माष्टमी की पूजा विधि
जन्माष्टमी पर सुबह जल्दी उठ स्नान-ध्यान आदि से निवृत होकर भगवान को नमस्कार करें। इसके बाद आप पूरे दिन का व्रत करना चाहते हैं या फलाहार अथवा एक समय भोजन का व्रत करना चाहते हैं, उसी प्रकार के व्रत का संकल्प लें।

तत्पश्चात् भगवान कृष्ण की प्रतिमा को भली-भांति सजाए हुए पालने में स्थापित करें। उन्हें नवीन वस्त्र अर्पण कर उनकी षोडशोपचार पूजा करें। पूजा में उन्हें पुष्प, सुगंध, धूप, दीप आदि अर्पित करें। इसके बाद कृष्ण की आरती करें। यदि संभव हो तो पूजा के बाद ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का कम से कम एक माला (अथवा जितना अधिक से अधिक संभव हो) जप करें। रात में 12 बजे बाद कृष्ण जन्मोत्सव मनाएं तथा पंचामृत में तुलसी व माखन मिश्री का भोग लगाएं। भगवान कृष्ण की आरती इस प्रकार हैं-

भगवान श्रीकृष्ण की आरती
आरती कुंजविहारी की। श्रीगिरधर कृष्णमुरारी की।।
गले में बैजंतीमाला, बजावै मुरली मधुर वाला।
श्रवन में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला। श्री गिरधर ..
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली,
लतन में ठाढ़े बनमाली।
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सो झलक,
ललित छवि स्यामा प्यारी की। श्री गिरधर ..
कनकमय मोर-मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसे,
गगन सो सुमन राशि बरसै,
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालनी संग,
अतुल रति गोपकुमारी की। श्री गिरधर ..
जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा,
स्मरन ते होत मोह-भंगा,
बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरै अध कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की। श्री गिरधर ..
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृन्दावन बेनू,
चहूं दिसि गोपी ग्वाल धेनू,
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव-फंद,
टेर सुनु दीन भिखारी की। श्री गिरधर ..
आरती कुंजबिहारी की। श्री गिरधर कृष्णमुरारी की।

देखें आरती का वीडियो



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