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राजनीति

इसलिए मार खा रहे हैं भाजपाई

दरअसल सत्ता मिलने के बाद कहीं भी कुछ गलत हो रहा होता है तो सालों से पार्टी के लिए खप रहे कार्यकर्ता का लगता है कि अब तो उनकी सरकार है ।

Sep 22, 2017 / 12:57 pm

Vikas Kumar

bjp leader gulati with Mukhtar Abbas Naqvi

bjp leader gulati with Mukhtar Abbas Naqvi

आगरा. उत्तरप्रदेश जैसे सूबे में कई सालों से सत्ता के स्वाद से दूर भारतीय जनता पार्टी व उसके साथी संगठनों के कार्यकर्ताओं के लिए अब सरकार बनना भी जी का जंजाल हो गया है। आगरा के कार्यकर्ताओं के साथ हाल ही में पुलिस दृवारा मारपीट की कई घटनाएं हुई हैं। दरअसल सत्ता मिलने के बाद कहीं भी कुछ गलत हो रहा होता है तो सालों से पार्टी के लिए खप रहे कार्यकर्ता का लगता है कि अब तो उनकी सरकार है, गलत कैसे हो सकता है। ऐसे में वो या तो वीडिया बनाने का प्रयास करता है और कई बार सीधे ही पुलिस से उलझ जाता है। सत्ता बदलने के बाद पुलिस तो बदली नहीं है और ऐसे में कार्यकर्ता या तो हवालात में पहुंच जाता है या मौके पर ही मार पड जाती है। इसमें कार्यकर्ताओं के लिए संतोष की बात यह है कि घटना होने के बाद जिलाध्यक्ष तक के पदाधिकारी कम से कम उनका पक्ष लेने पहुंच जाते हैं। इसके साथ ही लोग भी व्यंग कसते हैं कि अब तो आपकी सरकार है, इसमें भी पहले जैसा ही चल रहा है।
हाल के दिनों में यह हुई घटनाएं

1 . पश्चिम पुरी निवासी और भाजपा बिचपुरी के मंडल महामंत्री इंद्रपाल सिंह उर्फ बब्बू चौधरी
व उनके मित्र सुधीर पौनिया के साथ हाल ही में सीधे सीधे मारपीट का मामला सामने आया था।
वे बोदला-सिकंदरा रोड पर स्थित हेमा पेट्रोल पंप के पास से जा रहे थे।
बताया गया कि कि रास्ते में उन्हें चार सिपाही एक राहगीर से मारपीट कर उसकी जेब से रुपये निकालते दिखे। उन्होंने सिपाहियों को मारपीट करने से रोका, तो वे गाली-गलौज करने लगे। इस दौरान सुधीर ने मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू किया, तो सिपाहियों ने उससे मोबाइल छीनकर मारपीट कर दी। यह भी आरोप लगा कि सिपाहियों ने जबरन उन्हें शराब पिला दी और जेब से तीन हजार रुपये निकाल लिए। उन्हें थाने में बैठा लिया गया। हालांकि बाद में बडे नेताओं के पहुंचने पर सिपाही बलवीर और जसवीर को निलंबित कर मामले की जांच सीओ लोहामंडी को दी गई ।
2. भाजपा कार्यकर्ता शैलेन्द्र गुलाटी ने हाल ही में शाहगंज थाने में रिपोर्ट दी कि उसके पडौसियों ने घर में घुसकर मारपीट की व नाक खा गए। गुलाटी ने बताया कि सोसायटी में अध्यक्ष होने के नाते गेट बंदकर बीयर की शॉप बंद करवाना चाहते थे। उनके पडौसियों को यह नागवार गुजरा व दुश्मनी पाल ली थी। गुलाटी बताते हैं कि थाने में कोई सुनवाई नहीं और आखिरकार उन्हें उप मुख्यमंत्री को गुहार लगानी पडी। उप मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार कुछ आरोपियों को पकडा गया, हालांकि एक अभी भी पकड से बाहर है।
3. फतेहपुर सीकरी में भी जमकर बवाल काटा गया था। इसमें छेडछाड की घटना का विरोध किया गया था। बाद में बडे पदाधिकारियों ने भी खूब हल्ला मचाया, पुलिस के खिलाफ शिकायतें भी हुई। इसके बाद कार्यकर्ताओं को छोडा भी गया लेकिन उनमें से कई अभी भी जमानत पर ही चल रहे हैं और मुकमदेबाजी से परेशान हैं।

4. भाजपा नेता नाथूराम की हत्या के बाद भी जमकर हंगामा हुआ था। हालांकि उसमें पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं के मारपीट करने का भी आरोप लगा था। इसमें बाद में कई कार्यकर्ताओं को भी मार खानी पडी थी।

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